नोएडा में जमीन खरीदकर घर बनाने में फायदा है या सोसायटी के फ्लैट खरीदने में? जानें आपके लिए क्या है बेहतर

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दिल्ली-एनसीआर का एक प्रमुख रियल एस्टेट हब नोएडा, पिछले कुछ वर्षों में घर खरीदारों और निवेशकों के लिए पसंदीदा जगह बन गया है. बेहतर कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, और विकास की संभावनाओं के चलते यहां प्रॉपर्टी की मांग लगातार बढ़ रही है.

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दिल्ली-एनसीआर का एक प्रमुख रियल एस्टेट हब नोएडा, पिछले कुछ वर्षों में घर खरीदारों और निवेशकों के लिए पसंदीदा जगह बन गया है. बेहतर कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, और विकास की संभावनाओं के चलते यहां प्रॉपर्टी की मांग लगातार बढ़ रही है. लेकिन एक सवाल जो हर खरीदार के मन में आता है क्या नोएडा में जमीन खरीदकर अपना घर बनाना ज्यादा फायदेमंद है, या सोसायटी में फ्लैट खरीदना बेहतर विकल्प है? आइए, हाल के रुझानों और कीमतों के आधार पर इसकी गहराई से पड़ताल करें.

नोएडा में जमीन खरीदकर घर बनाना उन लोगों के लिए आकर्षक हो सकता है जो अपने सपनों का घर अपनी पसंद के डिजाइन और जरूरतों के हिसाब से बनाना चाहते हैं. नोएडा अथॉरिटी और प्राइवेट डेवलपर्स द्वारा समय-समय पर प्लॉट स्कीम्स लॉन्च की जाती हैं, जैसे कि हाल ही में जनवरी 2025 में नोएडा अथॉरिटी की नई प्लॉट स्कीम, जिसमें 100 आवासीय और 15 औद्योगिक भूखंडों की नीलामी की घोषणा हुई थी. 

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फायदे:

  • कस्टमाइजेशन: जमीन खरीदने से आपको घर का डिजाइन, साइज, और लेआउट पूरी तरह अपने हिसाब से चुनने की आजादी मिलती है. 
  • लंबे समय का निवेश: नोएडा में प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. सर्किल रेट में 2015 के बाद पहली बार 2024 में 30% तक की बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई, जिससे जमीन की वैल्यू में इजाफा तय है. 
  • प्राइवेसी: सोसायटी फ्लैट्स की तुलना में अपना घर ज्यादा प्राइवेसी और खुली जगह देता है. 

चुनौतियां:

  • उच्च लागत: जमीन की कीमत के साथ-साथ निर्माण लागत, मंजूरी, और बुनियादी सुविधाओं (पानी, बिजली) का खर्च जोड़ें तो कुल निवेश फ्लैट से ज्यादा हो सकता है. उदाहरण के लिए, सेक्टर-151 जैसे पॉश इलाकों में प्लॉट का रिजर्व प्राइस 50,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर से शुरू हो सकता है. 
  • समय और मेहनत: घर बनवाने में समय लगता है, और प्रक्रिया में कानूनी मंजूरी, ठेकेदारों से डीलिंग, और निर्माण की निगरानी जैसे काम शामिल होते हैं. 
  • इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भरता: कुछ क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं अभी भी विकसित हो रही हैं, जिससे शुरुआती असुविधा हो सकती है. 

सोसायटी फ्लैट खरीदने के फायदे और नुकसान

नोएडा में सोसायटी फ्लैट्स की डिमांड पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है. 2024 की पहली तिमाही में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 15,000 से ज्यादा फ्लैट्स बिके, जिनमें 39% लक्जरी कैटेगरी के थे. 

फायदे:

  • तुरंत उपयोग: फ्लैट खरीदते ही आप उसमें शिफ्ट हो सकते हैं, बिना निर्माण की लंबी प्रक्रिया के. 
  • सुविधाएं: सोसायटी में स्विमिंग पूल, जिम, पार्किंग, और 24x7 सुरक्षा जैसी सुविधाएं पहले से मौजूद होती हैं, जो जीवन को आसान बनाती हैं. 
  • कम मेंटेनेंस: मेंटेनेंस का जिम्मा सोसायटी प्रबंधन का होता है, जिससे आपका समय और मेहनत बचती है. 
  • किफायती विकल्प: नोएडा अथॉरिटी की सस्ते फ्लैट स्कीम (फरवरी 2025 में घोषित) के तहत सेंट्रल नोएडा में 800 वर्ग फीट के 2BHK फ्लैट्स 45 लाख रुपये में उपलब्ध हैं, जो प्राइवेट डेवलपर्स की कीमतों से आधे हैं. 

नुकसान:

  1. सीमित आजादी: फ्लैट का डिजाइन और साइज बदलने की गुंजाइश नहीं होती. आपको जो मिलता है, उसी में संतुष्ट होना पड़ता है. 
  2. मेंटेनेंस चार्ज: हर महीने मेंटेनेंस फीस देनी पड़ती है, जो लंबे समय में खर्च बढ़ा सकती है. 
  3. प्राइवेसी की कमी: सोसायटी में रहने से पड़ोसियों के साथ जगह साझा करनी पड़ती है, जिससे प्राइवेसी कम हो सकती है. 

कीमतों का तुलनात्मक विश्लेषण

  • जमीन: नोएडा के सेक्टर-30, 44, या 151 जैसे इलाकों में 200 वर्ग मीटर का प्लॉट 1-2 करोड़ रुपये में पड़ सकता है. निर्माण लागत (1500-2000 रुपये प्रति वर्ग फीट) जोड़ें तो कुल खर्च 1.5-3 करोड़ रुपये तक जा सकता है. 
  • फ्लैट: सेंट्रल नोएडा में 1000-1200 वर्ग फीट का 2BHK फ्लैट 50 लाख से 1 करोड़ रुपये में मिल सकता है, जबकि लक्जरी फ्लैट्स की कीमत 1.5 करोड़ से ऊपर जाती है. 

आपके लिए क्या सही है?

अगर आपके पास समय, पैसा, और कस्टमाइजेशन की चाहत है, तो जमीन खरीदकर घर बनाना बेहतर विकल्प है. यह लंबे समय में निवेश और व्यक्तिगत संतुष्टि दोनों देगा. अगर आप तुरंत शिफ्ट होना चाहते हैं और मेंटेनेंस का झंझट नहीं चाहते, तो सोसायटी फ्लैट आपके लिए उपयुक्त है. नोएडा में दोनों विकल्पों के अपने फायदे हैं, और यह आपकी प्राथमिकताओं, बजट, और जीवनशैली पर निर्भर करता है.  प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए, अभी निवेश करना दोनों ही मामलों में फायदेमंद साबित हो सकता है. तो, अपनी जरूरतों का आकलन करें और सही फैसला लें!

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