इंडिया टुडे GDB सर्वे: सामाजिक शिष्टाचार और सभ्य व्यवहार के मामले में केरल ने किया टॉप, यूपी की रैंकिंग आपको चौंका देगी
India Today Survey: भारत आर्थिक रूप से तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन सामाजिक और नागरिक व्यवहार में कहां खड़ा है? Gross Domestic Behaviour (GDB) सर्वेक्षण में नागरिक व्यवहार, सार्वजनिक सुरक्षा और लैंगिक सोच पर राज्यों की स्थिति सामने आई. जानें किस राज्य का प्रदर्शन कैसा रहा.
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India Today Survey: भारत तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है. लेकिन क्या सामाजिक और नागरिक व्यवहार के मामले में देश के लोग उतनी ही तेजी से आगे बढ़ रहे हैं? ऐसे में इंडिया टुडे ग्रुप और How India Lives द्वारा किए गए "Gross Domestic Behaviour" (GDB) सर्वेक्षण ने इसी सवाल का जवाब खोजने की कोशिश की है. बता दें कि इस सर्वे में 21 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 9188 लोगों से नागरिक व्यवहार, सार्वजनिक सुरक्षा, लैंगिक सोच और भेदभाव जैसे अहम मुद्दों पर 30 सवाल पूछे गए. सर्वे के नतीजे चौंकाने वाले रहे. जहां केरल नंबर एक पोजीशन के साथ सबसे बेहतर राज्य के रूप में उभरा, वहीं उत्तर प्रदेश सबसे नीचे 22वें पायदान पर रहा.
केरल क्यों सबसे आगे और यूपी क्यों सबसे पीछे?
इस सर्वे में केरल को सबसे विकसित नागरिक मानसिकता वाला राज्य माना गया है. केरल ने लगभग हर श्रेणी में अच्छा प्रदर्शन किया, खासतौर पर लैंगिक समानता और सामाजिक समावेशन (Diversity & Discrimination) में इसकी रैंकिंग शीर्ष पर रही.
इसके विपरीत, उत्तर प्रदेश हर श्रेणी में निचले स्थानों में रहा. चाहे वह नागरिक जिम्मेदारी (Civic Behaviour) हो, सार्वजनिक सुरक्षा (Public Safety) हो, लैंगिक सोच (Gender Attitudes) हो या विविधता और भेदभाव (Diversity & Discrimination), उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन निराशाजनक रहा.
समग्र रैंकिंग (Composite Ranking)
इस सर्वेक्षण में राज्यों को चार प्रमुख मापदंडों के आधार पर अंक दिए गए और केरल (1) सबसे बेहतर राज्य बना, जबकि उत्तर प्रदेश (22) सबसे निचले स्थान पर रहा.
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रैंक राज्य
- 1 केरल
- 2 तमिलनाडु
- 3 पश्चिम बंगाल
- 4 महाराष्ट्र
- 5 ओडिशा
- 6 हिमाचल प्रदेश
- 7 हरियाणा
- 8 उत्तराखंड
- 9 चंडीगढ़
- 10 दिल्ली (NCT)
- 11 तेलंगाना
- 12 बिहार
- 13 झारखंड
- 14 राजस्थान
- 15 छत्तीसगढ़
- 16 असम
- 17 आंध्र प्रदेश
- 18 कर्नाटक
- 19 मध्य प्रदेश
- 20 गुजरात
- 21 पंजाब
- 22 उत्तर प्रदेश
भारत के नागरिक व्यवहार पर यह रिपोर्ट क्यों महत्वपूर्ण है?
इस रिपोर्ट के नतीजे हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि आर्थिक विकास के साथ क्या हम नागरिकों के सामाजिक व्यवहार को भी सुधारने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं? यह सर्वेक्षण इस बात को भी उजागर करता है कि भारत में अभी भी लैंगिक असमानता, भेदभाव, सार्वजनिक सुरक्षा और नागरिक जिम्मेदारी जैसे मुद्दे प्रमुख रूप से मौजूद हैं. जहां केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य इस दिशा में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों को सामाजिक मानसिकता और नागरिक आचरण में सुधार की जरूरत है. इस रिपोर्ट के निष्कर्ष नीति निर्माताओं, समाजशास्त्रियों और नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हैं कि "विकसित भारत" (Viksit Bharat) केवल GDP ग्रोथ से नहीं, बल्कि नागरिकों की सोच और व्यवहार में बदलाव से भी संभव होगा.
मेथडोलॉजी: GDB सर्वेक्षण कैसे किया गया?
इंडिया टुडे ग्रुप ने How India Lives (HIL) और Kadence International के साथ मिलकर भारत का पहला "Gross Domestic Behaviour" (GDB) सर्वेक्षण किया. इस सर्वे का उद्देश्य भारत में सामाजिक और व्यक्तिगत व्यवहार को समझना और राज्यों की तुलना करना था.
सर्वेक्षण का दायरा:
- 98 जिलों के 9,188 उत्तरदाता
- 21 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश को शामिल किया गया
- उत्तरदाताओं में 50.8% पुरुष और 49.2% महिलाएं थीं
- 54.4% शहरी और 45.6% ग्रामीण उत्तरदाता थे
सर्वे में इस्तेमाल किए गए 4 प्रमुख मापदंड:
- नागरिक व्यवहार (Civic Behaviour):
- सामुदायिक गतिविधियों में भागीदारी
- सार्वजनिक नियमों का पालन
- (12 सवाल)
सार्वजनिक सुरक्षा (Public Safety):
- कानून प्रवर्तन पर भरोसा
- व्यक्तिगत सुरक्षा की धारणा
- (6 सवाल)
लैंगिक सोच (Gender Attitudes):
- लैंगिक भूमिकाओं और समानता पर विचार
- (7 सवाल)
विविधता और भेदभाव (Diversity & Discrimination):
- जाति, धर्म, या समुदाय के आधार पर पूर्वाग्रह
- (5 सवाल)
रैंकिंग प्रक्रिया:
- हर सवाल का स्कोर 0-1 के बीच सामान्यीकृत किया गया
- शहरी और ग्रामीण उत्तरदाताओं के लिए अलग-अलग स्कोर तैयार किए गए
- हर विषय का समग्र स्कोर निकालने के लिए सवालों को समान वेटेज दिया गया
- अंत में सभी राज्यों की तुलना करके समग्र रैंकिंग तैयार की गई
कैसे तय किया गया कौन सा उत्तर सही है?
अगर किसी सवाल का सकारात्मक उत्तर "हां" था (जैसे "क्या लड़कियों को भी लड़कों की तरह पढ़ने की अनुमति दी जानी चाहिए?"), तो "स्ट्रॉन्गली एग्री" को 1 पॉइंट और "समव्हाट एग्री" को 0.3 पॉइंट दिया गया. यदि किसी सवाल का सही उत्तर "ना" था (जैसे "क्या पत्नी की पिटाई जायज है?"), तो "स्ट्रॉन्गली डिसएग्री" को 1 पॉइंट और "समव्हाट डिसएग्री" को 0.3 पॉइंट दिया गया.
GDB का निष्कर्ष क्या बताता है?
- भारत में नागरिक व्यवहार राज्यों के अनुसार भिन्न है.
- केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सामाजिक व्यवहार में सबसे आगे हैं.
- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब को सुधार की जरूरत है.
- सार्वजनिक सुरक्षा, लैंगिक समानता और भेदभाव से निपटने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है.
GDB सर्वेक्षण ने भारत में सामाजिक व्यवहार को बेहतर ढंग से समझने की दिशा में एक नया मापदंड स्थापित किया है. "विकसित भारत" (Viksit Bharat) का सपना तभी पूरा होगा, जब नागरिकों का व्यवहार भी विकसित होगा. क्या भारत केवल आर्थिक विकास से ही प्रगति करेगा या सामाजिक व्यवहार में सुधार भी उतना ही जरूरी है? यह सवाल अब नीति निर्माताओं और नागरिकों के सामने है.