बड़े से बड़े क्रिमिनल माइंडसेट को फेल करने वाली मेरठ की मुस्कान रस्तोगी ने कहां तक की है पढ़ाई?

उस्मान चौधरी

Meerut Muskan Education Deatils: मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड की साजिश रचने वाली मुस्कान रस्तोगी की शिक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. जानिए, उसने कहां तक पढ़ाई की और उसकी मां कविता रस्तोगी ने क्या खुलासा किया? पढ़ें पूरी खबर.

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Muskan Rastogi
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Meerut Muskan Education Deatils: मेरठ में घटी एक खौफनाक वारदात ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. मुस्कान रस्तोगी, उसके प्रेमी साहिल और पति सौरभ की कहानी अब किसी से छिपी नहीं है. मुस्कान ने साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरभ की नृशंस हत्या की और शव के टुकड़े कर ड्रम में भर दिए. ताकि कोई शक न कर सके, दोनों ने ड्रम में सीमेंट का घोल डाल दिया. यह पूरा अपराध एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था, जो पुलिस के लिए भी चुनौती बन गया. इस जघन्य कांड के बाद से एक सवाल सबके मन में उठ रहा है- आखिर इतनी खतरनाक साजिश को अंजाम देने वाली मुस्कान कितनी पढ़ी-लिखी है?

मुस्कान की शिक्षा और पारिवारिक दावे

यूपी तक से खास बातचीत में मुस्कान की मां कविता रस्तोगी ने खुलासा किया कि उनकी बेटी सिर्फ कक्षा 9 तक पढ़ी हुई है. यह जानकारी चौंकाने वाली इसलिए भी है क्योंकि इतने बड़े अपराध की योजना बनाना और उसे अंजाम तक पहुंचाना किसी शातिर अपराधी से कम नहीं था. 

इसके अलावा, मुस्कान की पारिवारिक पृष्ठभूमि को लेकर भी कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. कुछ रिपोर्ट्स में यह सामने आया था कि कविता रस्तोगी मुस्कान की सौतेली मां है. इस मामले पर कविता रस्तोगी ने सफाई दी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि मुस्कान उनकी असली बेटी है, और इस बात को साबित करने के लिए उनके पास सभी आवश्यक दस्तावेज मौजूद हैं. 

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अपराध और शिक्षा के बीच का विरोधाभास

इस मामले ने समाज में एक नई बहस छेड़ दी है- क्या अपराध की प्लानिंग और उसका क्रियान्वयन सिर्फ शिक्षा पर निर्भर करता है? या फिर परिस्थितियों और संगति का भी उतना ही योगदान होता है? मुस्कान ने भले ही ज्यादा पढ़ाई न की हो, लेकिन उसने जिस तरह से हत्या को छिपाने और सबूत मिटाने की कोशिश की, वह यह दर्शाता है कि अपराध के लिए औपचारिक शिक्षा की नहीं, बल्कि मानसिक चतुराई की जरूरत होती है. मेरठ की इस घटना ने पुलिस और आम जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अपराध की जड़ें कितनी गहरी हो सकती हैं और इसके पीछे के कारण सिर्फ अशिक्षा या गरीबी नहीं, बल्कि अन्य सामाजिक और मानसिक पहलू भी हो सकते हैं. 

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