हाथरस सत्संग में मची भगदड़ के बाद हुआ मौत का तांडव, कार्यक्रम कराने वाले शख्स ने क्या बताया?

देवेश सिंह

Hathras Stampede :  हाथरस में एक सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से अभी तक 50 से ज्यादालोगों की मौत हो गई है. इसमें बड़ी संख्‍या महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.

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Hathras Stampede
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Hathras Stampede :  हाथरस में एक सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से अभी तक 50 से ज्यादालोगों की मौत हो गई है. इसमें बड़ी संख्‍या महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. मृतकों की संख्‍या अभी और बढ़ सकती है. घटना के बाद से चारों तरफ चीख पुकार मची हुई है. पुलिस प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है. सूचना के बाद घटना स्थल के लिए प्रशासनिक अधिकारी रवाना हुए हैं. यह सत्‍संग हाथरस हाथरस जनपद क़े सिकंदराराऊ थानाक्षेत्र के फुलरई गांव में आयोजित कराया गया था. 

आयोजनकर्ता ने बताई ये कहानी

वहीं इस हादसे पर सत्संग के आोयजन समिति से जुड़े महेश चंद्र ने यूपी तक से फोन पर हुई बातचीत पर बताया कि, ये कार्यक्रम 13 साल बाद हाथरस में आयोजित हुआ था.  हमने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर कार्यक्रम का आयोजन कराया था. हमारे पास तीन घंटे की परमिशन थी. एक लाख से अधिक श्रद्धालु आयोजन के कार्यक्रम में मौजूद थे. जब कार्यकम खत्म हुआ तब भगदड़ मच गई. कार्यक्रम खत्म होने के बाद कीचड़ में लोग एक के ऊपर एक गिरते रहे, कोई संभालने वाला नहीं था. प्रशासन से कोई भी वहां मौजूद नहीं था. 

उन्होंने आगे बताया कि, 'दोपहर एक बजे के बाद जब कार्यक्रम खत्म हुआ तो ये घटना घटी. कार्यक्रम खत्म हुआ तो एक साथ भागने में यह भगदड़ मची. उन्होंने आरोप लगाया कि, प्रशासन की कमी की वजह से ये हादसा हुआ है. प्रशासन को अनगिनत श्रद्धालुओं के आने की दी थी जानकारी पर उस हिसाब से वहां व्यवस्था नहीं थी. हमने  12 हजार सेवादारों की व्यवस्था की थी. बरसात के मौसम में कीचड़ की वजह से लोग गिरने लगे थे और भगदड़ के बाद लोग एक दूसरे पर गिरने लगे.'

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50 से ज्यादा लोगों की मौत

बता दें कि मंगलवार (2 जुलाई) को हाथरस स्थित रतिभानपुर में सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 50 से अधिक लोगों की जान चली गई. इसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं. हादसे के बाद हड़कंप मच गया. हालात बेहद भयावह हो गए. जैसे-तैसे घायलों और मृतकों को बस-टेंपो में लादकर अस्पताल ले जाया गया. सूचना मिलते ही डीएम और एसपी दल-बाल के साथ मौके पर पहुंच गए. जब शव एटा के अस्पताल पहुंचना शुरू हुए तो गिनती थमने का नाम नहीं ले रही थी. अस्पताल में लाशों के ढेर लग गए हैं.

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