गोला उपचुनाव: जीत के बाद BJP प्रत्याशी अमन गिरी ने कहा- पिता जी के सोच-संस्कारों की जीत है

अभिषेक वर्मा

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लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जिले के गोला गोकर्ण विधानसभा उपचुनाव (Gola Gokarnath By-Poll Results) में बीजेपी के अमन गिरी ने भारी बहुमत से जीत हासिल की है. इस जीत के बाद अमन गिरी ने यूपी तक से बातचीत में कहा- ये पिताजी के सोच और संस्कारों की जीत है. इससे बड़ी कोई जीत नहीं हो सकती है. गौरतलब है कि गोला विधानसभा के बीजेपी विधायक अरविंद गिरि की 6 सितंबर को लखनऊ जाते समय हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. जिसके बाद यह सीट खाली हो गई थी. इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा के बाद बीजेपी ने अरविंद गिरी के बेटे अमन गिरी को उम्मीदवार घोषित किया था. वहीं सपा ने पूर्व विधायक विनय तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया था.

चुनाव जीतने के बाद बीजेपी प्रत्याशी अमन गिरी ने कहा- सबसे पहले भाजपा के शीर्ष नेतृत्व, प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी और दोनों उप मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, मंत्रियों और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं. गोला विधानसभा के सभी लोगों और साथियों का धन्यवाद जिन्होंने पिताजी का नाम बनाए रखा.

हर चुनाव में बहाना ढूंढती है सपा- अमन गिरी

समाजवादी पार्टी हर चुनाव में बहाना ढूंढती है. इस चुनाव में भी बहाना ढूंढा है जो आपलोग के बीच है. पर इस चुनाव से एक संदेश जा चुका है. आगे वाले हर चुनाव के लिए हर वर्ग, हर जाति का सहयोग भाजपा पर बना हुआ है.

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ध्यान देने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के बाद 2012 में अस्तित्व में आयी गोला गोकर्णनाथ सीट छह सितंबर को भाजपा विधायक अरविंद गिरि के निधन के कारण रिक्त हुई थी. इस निर्वाचन क्षेत्र में 3.90 लाख से अधिक मतदाता हैं. इन्होंने 7 उम्मीदवारों के लिए 3 नवंबर को वोट दिया. इस दौरान 57.35 प्रतिशत लोगों ने वोटिंग की थी.

बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी

अपने मौजूदा विधायक अरविंद गिरि के निधन के बाद सहानुभूति की लहर के बावजूद भाजपा ने इस उपचुनाव को काफी गंभीरता से लिया था और प्रदेश के सभी प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों सहित अपने 40 स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा था. इधर आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव हारने के बाद अखिलेश यादव फिर गोला गोकर्ण विधानसभा उपचुनाव प्रचार से दूर रहे. सपा ने भी अपने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश वर्मा, पूर्व मंत्रियों और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों सहित अपने 39 प्रचारकों को भेजा है, जो अपने पक्ष में मतदाताओं को लुभाने के लिए घर-घर जाकर प्रचार किया पर जीत हाथ नहीं लगी.

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ऐसे हुआ था गोला विधानसभा का गठन

सपा उम्मीदवार तिवारी ने इससे पहले 2012 में गोला गोकर्णनाथ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. तब तत्कालीन हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र को समाप्त करने के बाद गोला निर्वाचन क्षेत्र का गठन किया गया था. वर्ष 2012 से पहले, खीरी जिले में सात विधानसभा क्षेत्र मोहम्मदी, हैदराबाद, पैला, लखीमपुर, श्रीनगर, निघासन और धौरहरा थे. हालांकि 2012 में परिसीमन के बाद मोहम्मदी, लखीमपुर, श्रीनगर, निघासन और धौरहरा सीटों को बरकरार रखा गया था, जबकि तीन नए निर्वाचन क्षेत्रों-कस्ता, पलिया और गोला गोकर्णनाथ को जोड़ा गया था. इस तरह खीरी जिले में अब आठ विधानसभा सीटें हैं.

वर्ष 2012 में गोला गोकर्णनाथ निर्वाचन क्षेत्र में पहले विधानसभा चुनाव के दौरान तिवारी ने इस निर्वाचन क्षेत्र से पहले विधायक होने का श्रेय हासिल किया. इस चुनाव में तिवारी ने अपनी करीबी प्रतिद्वंद्वी बसपा की सिम्मी बानो को 19329 मतों के अंतर से हराया था. अरविंद गिरि ने तब कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और वह तीसरे स्थान पर रहे थे.

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद गिरि भाजपा में शामिल हो गए और मोदी-लहर और अपने जमीनी समर्थन के बल पर उन्होंने सपा उम्मीदवार विनय तिवारी को 55017 मतों के प्रचंड अंतर से सीट जीती. गोला गोकर्णनाथ निर्वाचन क्षेत्र में पिछले 2022 के चुनाव में भाजपा ने सीट बरकरार रखी और अरविंद गिरि ने फिर से जीत हासिल की थी.

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(इनपुट: भाषा)

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