'एक पेड़ मां के नाम' अभियान ने रचा इतिहास: यूपी में एक दिन में लगे 37.21 करोड़ पौधे, सोनभद्र बना चैंपियन!

यूपी तक

Ek Ped Maa Ke Naam अभियान के तहत यूपी में रिकॉर्ड 37.21 करोड़ पौधे एक दिन में लगाए गए. सोनभद्र जिला टॉप पर रहा. जानिए किस जिले ने कितने पौधे लगाए और अभियान से जुड़ी सारी डिटेल.

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Ek Ped Maa Ke Naam: Plantation in UP
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उत्तर प्रदेश ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. यूपी में 'एक पेड़ मां के नाम' महाअभियान के तहत बुधवार को राज्य भर में 37.21 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे 'हीट वेव' से 'ग्रीन वेव' की ओर बदलाव बताया और कहा कि पिछले आठ वर्षों में राज्य का वन क्षेत्र काफी बढ़ा है.

सोनभद्र ने गाड़े झंडे! टॉप 5 में ये जिले भी शामिल

इस मेगा ड्राइव में सोनभद्र जिला सबसे आगे रहा. सोनभद्र ने अकेले 1 करोड़ 58 लाख 88 हजार 285 पौधे लगाकर पूरे यूपी में पहला स्थान हासिल किया. उसके बाद झांसी (99.51 लाख), लखीमपुर खीरी (96.75 लाख), जालौन (95.66 लाख) और मिर्जापुर (70 लाख) ने टॉप पांच जिलों में अपनी जगह बनाई. 

विभागों ने भी दिया भरपूर सहयोग

  • वृक्षारोपण के इस महाअभियान में विभिन्न सरकारी विभागों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया:
  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग ने सबसे अधिक 14.05 करोड़ पौधे लगाए.
  • ग्राम्य विकास विभाग ने 13.12 करोड़ से अधिक पौधे लगाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों को हरा-भरा करने में बड़ा योगदान दिया.
  • कृषि विभाग (4.15 करोड़), उद्यान विभाग (1.55 करोड़) और पंचायती राज विभाग (1.16 करोड़) भी शीर्ष पांच में रहे.

किन प्रजातियों के पौधे लगाए गए?

इस अभियान में मुख्य रूप से शीशम (4.45 करोड़), सागौन (4.32 करोड़), जामुन (1.84 करोड़), अर्जुन (1.61 करोड़) और अमरूद (1.53 करोड़) जैसे पौधे लगाए गए. इनके अलावा, आम, सहजन और नीम जैसे औषधीय और फलदार पौधे भी बड़ी संख्या में लगाए गए

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताई ग्रीन वेव की कहानी

अयोध्या में एक वृक्षारोपण कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में वन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. सीएम ने कहा, 'हमने पिछले आठ वर्षों में 204 करोड़ पौधे लगाए हैं, और इनमें से 75 प्रतिशत से अधिक अभी भी जीवित हैं.' उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और थर्ड-पार्टी एजेंसियों के आंकड़ों का हवाला देते हुए राज्य के ग्रीन कवर में वृद्धि की पुष्टि की. उन्होंने कहा, 'अब हम 'हीट वेव' से 'ग्रीन वेव' की ओर बढ़ गए हैं.'

CM योगी आदित्यनाथ ने बताया कि आठ साल पहले वन विभाग के पास पर्याप्त पौधे नहीं थे. पहले साल में केवल पांच करोड़ पौधे उपलब्ध थे. उन्होंने कहा, 'आज, मनरेगा, निजी नर्सरी और अंतर-विभागीय समन्वय के समर्थन से, हमारे पास 52 करोड़ पौधे उपलब्ध हैं. यह दर्शाता है कि हमने अपनी पिछली स्थिति से दस गुना अधिक कैसे हासिल किया है.'

'विकास और पर्यावरण संतुलन जरूरी'

CM योगी ने विकास और जलवायु परिवर्तन की दोहरी चुनौती पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अनियोजित और अवैज्ञानिक विकास के कारण दुनिया प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रही है. उन्होंने अमेरिका के टेक्सास में अचानक आई बाढ़ का उदाहरण दिया, जहां एक कैंप में बच्चे बह गए और सैकड़ों अभी भी लापता हैं. उन्होंने कहा, 'यह अनियोजित विकास के लिए पर्यावरण की अनदेखी की कीमत है.'

सीएम योगी आदित्यनाथ ने विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'वैज्ञानिक और नियोजित प्रयासों से, हम विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों सुनिश्चित कर सकते हैं. धरती माता के स्वास्थ्य की रक्षा करके, हम मानवता के लिए एक उज्जवल भविष्य सुरक्षित करते हैं.' 

उन्होंने वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस के काम का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ही वह पहला देश था जिसने साबित किया कि पौधों में जीवन होता है. सीएम ने कहा, 'जब हम एक पेड़ के जीवन का सम्मान करते हैं, तो वह बदले में हमें आशीर्वाद देता है. एक पेड़ हमें छाया, फल, लकड़ी देता है, मिट्टी का संरक्षण करता है और पर्यावरण को शुद्ध करता है.' 

कार्बन क्रेडिट से किसानों को मिल रहा लाभ

CM ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य के कई किसानों को कार्बन क्रेडिट से लाभ मिलना शुरू हो गया है. उन्होंने कहा, 'जिन किसानों ने पांच साल पहले लगाए गए पेड़ों को पंजीकृत कराया था, उन्हें अब अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से कार्बन फाइनेंसिंग के माध्यम से पांच साल के लिए प्रति पेड़ सालाना $6 मिल रहे हैं.' 

उन्होंने यह भी बताया कि भारत का पेड़ों के साथ लंबे समय से आध्यात्मिक संबंध रहा है. 'हमने प्राचीन काल से पेड़ों की पूजा की है, जिसमें शिव, विष्णु, लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा जैसे विभिन्न देवताओं से जुड़े विभिन्न पेड़ हैं. 'नवग्रह वाटिका' और 'संकरी वाटिका' जैसे पारंपरिक उद्यान हमारी संस्कृति का हिस्सा रहे हैं.' 

अयोध्या के परिवर्तन का जिक्र करते हुए, आदित्यनाथ ने कहा कि पवित्र शहर को भारत के पहले सौर शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है. CM योगी ने कहा कि, 'सूर्यवंश की राजधानी के रूप में, अयोध्या को देश के पहले सौर ऊर्जा संचालित शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है.' उन्होंने यह भी बताया कि वृक्षारोपण अभियान में रामायण काल ​​के पेड़ों को भी शामिल किया गया है जो भगवान राम और अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करने के लिए लगाए जा रहे हैं.

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