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सीएम योगी ने देवी पाटन मंदिर में की पूजा, यहां मुंडन कराने की परंपरा, जानिए इस Temple की कहानी

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तुलसीपुर, बलरामपुर स्थित देवी पाटन मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और आदिशक्ति मां पाटेश्वरी को समर्पित है. यह मंदिर मुंडन संस्कार और केश दान के लिए प्रसिद्ध है.

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उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बलरामपुर जिले के तुलसीपुर स्थित प्रसिद्ध देवी पाटन मंदिर (आदिशक्ति मां पाटेश्वरी शक्तिपीठ) में पूजा-अर्चना की और प्रदेश की समृद्धि के लिए प्रार्थना की. दो दिवसीय दौरे पर बलरामपुर पहुंचे सीएम योगी ने मंदिर परिसर का निरीक्षण भी किया और गौ सेवा करके स्थानीय प्रतिनिधियों और लोगों से मुलाकात की. 

यह मंदिर तराई क्षेत्र के सबसे प्रमुख और पूजनीय मंदिरों में से एक है.

देवी पाटन मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक

देवी पाटन मंदिर का धार्मिक महत्व पूरे देश में है. यह मां दुर्गा के प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान पर माता सती का दायां कंधा (जिसे हिंदी में 'पाट' या 'पटन' कहते हैं) गिरा था. इसी वजह से इस स्थान को देवी पाटन (मां पाटेश्वरी) के नाम से जाना जाता है और यह एक शक्तिपीठ कहलाता है.

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यहां मुंडन कराने की परंपरा

यह मंदिर बलरामपुर जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर तुलसीपुर शहर के पश्चिम में स्थित है. देवी पाटन मंदिर की सबसे विशिष्ट और महत्वपूर्ण परंपराओं में से एक है बच्चों का मुंडन संस्कार और केश दान. इस मंदिर में लोग अपने बच्चों के मुंडन संस्कार (पहला बाल कटवाने की रस्म) के लिए दूर-दूर से आते हैं. यह मुंडन संस्कार देवी पाटन की परंपरा का एक अभिन्न अंग है.

अगर मुंडन कहीं और किया गया हो तब भी श्रद्धालु यहां आकर केश दान करते हैं. इस स्थान पर बाल या केश दान करना काफी पवित्र माना जाता है. यह स्थान धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.

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