औरैया में सालों से वाकर अली की पत्नी बन रह रही थीं भगवती, जब मरीं तो पति शव लेकर पहुंचा कब्रिस्तान, आगे जो हुआ, सन्न रह जाएंगे

सूर्या शर्मा

UP News: 30 सालों से वाकर अली भगवती नाम ही महिला के साथ रह रहे थे. वाकर अली ने भगवती को अपनी पत्नी मान लिया था. अब जब महिला ने दुनिया छोड़ी तो वह शव लेकर दफनाने के लिए कब्रिस्तान गए. मगर वहां मुस्लिमों ने शव दफनाने से साफ मना कर दिया. जानिए फिर क्या हुआ?

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UP News: उत्तर प्रदेश के औरैया से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक हिंदू महिला पत्नी बनकर पिछले 30 सालों से मुस्लिम शख्स के साथ रह रही थी. महिला ने मुस्लिम धर्म नहीं अपनाया था. अब जब महिला की मौत हुई तो उसका पति उसके शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान लेकर गया. 

यहां मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया और महिला के शव को कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया. पति ने अपने मुस्लिम समुदाय से अपील की मगर कोई लाभ नहीं हुआ. आखिर में पति ने हिंदू पक्ष से मदद की गुहार लगाई. जानिए आगे औरैया में महिला के शव के साथ क्या हुआ?

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30 सालों से भगवती पत्नी बनकर वाकर अली संग रह रही थीं

ये पूरा मामला औरैया जिले के असेनी गांव से सामने आया है. यहां के रहने वाले वाकर अली ने 30 साल पहले भगवती नाम की महिला को अपनी पत्नी मनाकर अपने साथ रख लिया था. महिला मानसिक तौर से कमजोर थी. बताया जा रहा है कि वाकर अली ने महिला के साथ निकाह नहीं किया था. मगर महिला को अपनी पत्नी मानकर अपने साथ ही रख लिया था. 

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महिला भगवती पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं. 55 साल की उम्र में शनिवार के दिन महिला का निधन हो गया. इसके बाद वाकर अली महिला का शव लेकर उसे दफनाने के लिए कब्रिस्तान पहुंचे. मगर वहां मुस्लिम समुदाय ने शव दफनाने का विरोध किया.

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मौलाना ने किया विरोध

मिली जानकारी के मुताबिक, मौलाना का कहना था कि महिला ने निकाह नहीं किया था. इस वजह से वह हिंदू है. इसके बाद वाकर अली मामले को लेकर हिंदुओं के पास गए और उनसे मदद की अपील की. बता दें कि हिंदू समुदाय आगे आया और हिंदू समुदाय ने पूरे रीति रिवाजों के साथ महिला का अंतिम संस्कार करवाया. बता दें कि दिबियापुर स्थित मुक्ति धाम में महिला भगवती का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें भारी संख्या में हिंदू समाज जमा हुआ.

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