बांदा: शजर पत्थर से बनाया राम मंदिर, पीएम मोदी को गिफ्ट करने की है चाहत
देश ही नहीं, पूरे विश्व मे इन दिनों राम मंदिर के उदघाटन को लेकर उत्साह का माहौल है. देश के तमाम इलाकों से कपड़े, चावल…
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देश ही नहीं, पूरे विश्व मे इन दिनों राम मंदिर के उदघाटन को लेकर उत्साह का माहौल है. देश के तमाम इलाकों से कपड़े, चावल या अन्य सामान अयोध्या धाम भेजे जा रहे हैं. इसी क्रम में यूपी के बांदा जिले में शजर हस्त शिल्पी ने शजर पत्थर से राम मंदिर का ऐसा अनोखा निर्माण किया है, जिसे देखकर हर कोई अचंभित है.
मंदिर के अंदर रामलला भी विराजमान है. उन्होंने हूबहू राम मंदिर के मंदिर बनाने की कोशिश की है. उन्होंने इस अनोखे मंदिर को बीते डेढ़ साल में बनाकर तैयार किया है. हस्त शिल्पी कारीगर की तमन्ना है कि वह शजर पत्थर से बने मंदिर को पीएम नरेंद्र मोदी को गिफ्ट करें.
ODOP प्रोडक्ट है बांदा का शजर
शजर पत्थर बांदा का ODOP प्रोडक्ट है. यह सिर्फ बांदा की केन नदी में पाया जाता है. इसकी सुंदरता के बारे में कहते हैं कि पूर्णिमा की चांदनी रात में चंद्रमा की किरणों से पानी में पड़े पत्थर के ऊपर कोई भी चीज जैसे पेड़ पौधे, लोग, जीव-जंतु आदि की आकृति अपने आप ढल जाती है.
इसके बाद कारीगर उसको मशीनों के माध्यम से सुंदरता और निखार देते हैं. शजर की डिमांड मुस्लिम देशों में ज्यादा है, इसको वह बहुत शुभ मानते हैं. कुछ महीने पहले यूपी सरकार ने शजर को जीआई टैग भी दिया है.
शजर पत्थर से बनाया गया राम मंदिर
शजर हस्त शिल्पी द्वारिका प्रसाद सोनी ने बताया कि उन्होंने जब से कोर्ट के माध्यम से राम मंदिर का फैसला सुना है और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण चालू हुआ है तब से उन्होंने शजर पत्थर से बांदा में अपने घर पर राम मंदिर का निर्माण करना शुरू कर दिया था. लगभग डेढ़ सालों में अब मंदिर बनकर तैयार हुआ है.
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उनका यह भी कहना है कि अयोध्या में बन रहे मंदिर में कई प्रकार के पत्थरों का समागम है. ठीक उसी प्रकार उन्होंने भी शजर को कई रूपो में लगाया है यानी शजर की अलग-अलग डिजाइन से निर्माण किया है.
द्वारिका प्रसाद का यह भी कहना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी की वजह से इतना भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, तो इनकी भी इच्छा है कि यह अनोखे मंदिर को वह पीएम मोदी को गिफ्ट करें, उनका प्रयास जारी है. द्वारिका प्रसाद ने पहले ताजमहल, कालिंजर फोर्ट, लैंप आदि बनाए हैं, जिस पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें सम्मानित किया था. उनका कहना है कि उद्घाटन 22 जनवरी के पहले वह पीएम को देना चाहते हैं.
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