BSP सांसद के वकील बोले- ‘मुख्तार अंसारी के गुर्गे ने षड्यंत्र के तहत अतुल को फंसाया था’

रोशन जायसवाल

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घोसी से बसपा सांसद अतुल राय (Atul Rai) को वाराणसी एमपी-एमएलए कोर्ट ने रेप के आरोप में निर्दोष पाया है. 2019 से एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमा चल रहा था. पिछले 36 महीनों से अतुल राय नैनी जेल में बंद हैं. दोषमुक्त साबित होने के बाद बसपा सांसद के वकील ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल अतुल राय को मुख्तार के गुर्गे ने षड्यंत्र के तहत फंसाया था.

मालूम हो कि 7 मार्च, 2018 की घटना है. जब वाराणसी के मंडुआडीह थाने के गुरुग्राम सोसाइटी में अतुल राय के दफ्तर में एक युवती से कथित तौर पर रेप हुआ. इस मामले में लगभग सवा साल बाद 1 मई, 2019 को लंका थाने में बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.

पीड़िता वाराणसी के यूपी कॉलेज से ग्रेजुएशन करती थी और बलिया की ही थी. इस मामले में पिछले 36 महीने से अतुल राय नैनी जेल में बंद हैं, जबकि पीड़ित युवती और उसके साथी ने पहले ही अपने ऊपर लगने वाले फर्जी मुकदमों से तंग आकर सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करके अपनी जान दे दी थी.

अपने मुवक्किल अतुल राय के दोषमुक्त साबित हो जाने के बाद वकील अनुज यादव ने बताया, “376 का मुकदमा अतुल पर मुख्तार अंसारी गैंग के सक्रिय सदस्य अंगद राय ने षड़यंत्र करके दर्ज करवाया था. आज यह बात सिद्ध हो गई. न्यायालय ने पाया कि साक्ष पर्याप्त नहीं है. आज वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट सियाराम चौरसिया की अदालत से यह फैसला आया है. सांसद घोसी को साक्ष्य की विश्वसनीयता ना पाते हुए गुण दोष के आधार पर बरी कर दिया गया है. “

वकील ने आगे बताया, “जल्द ही अतुल रिहा होकर जेल से बाहर आ जाएंगे. सिर्फ एक मामला लखनऊ में उनके खिलाफ पीड़िता की तरफ से 120बी का दर्ज कराया गया था. जबकि वह उस दौरान जेल में थे.” उन्होंने बताया कि 3 सालों तक सांसद को जमानत ना मिलने के पीछे वजह थी कि वह ट्रायल पर जोर दे रहे थे ना कि जमानत पर.

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