आजम खान और अखिलेश यादव के बीच फोन पर 40 मिनट बातचीत...! 8 अक्टूबर से पहले सबकुछ सेट? समझिए
जेल से रिहाई के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आजम खान के बीच रिश्तों की अटकलों पर विराम लगा. जानें 40 मिनट की फोन कॉल और 8 अक्टूबर की मुलाकात का क्या है सियासी मतलब.
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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की सीतापुर जेल से रिहाई के बाद उनको लेकर कई तरह की सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं. सपा के शीर्ष नेतृत्व की अबतक आजम खान से मुलाकात नहीं होने पर ऐसा कहा जा रहा है कि इस दिग्गज मुस्लिम नेता और पार्टी चीफ अखिलेश यादव के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. पर हकीकत में ऐसा है क्या? इस बीच जानकारी मिली है कि अखिलेश यादव और आजम खान के बीच फोन पर करीब 40 मिनट बात हुई है. 8 अक्टूबर को आजम खान से अखिलेश यादव मिलने वाले भी हैं. ऐसे में कुमार अभिषेक ने यूपी Tak के शो 'आज का यूपी' में आजम खान के इर्द गिर्द घूम रही इस सियासत को समझाने की कोशिश की है.
आजम खान को अखिलेश की वो फोन कॉल!
आजम खान की जेल से रिहाई के बाद सबसे बड़ा सवाल यह था कि क्या उनका और अखिलेश यादव का रिश्ता वैसा ही रहेगा जैसा पहले था या दरारें चौड़ी हो चुकी हैं? ऐसी चर्चा इसलिए खड़ी हुई क्योंकि अखिलेश यादव आजम खान से मिलने जेल में नहीं गए. अब कहा जा रहा है कि एक पूर्व विधायक के फोन पर दोनों नेताओं के बीच तकरीबन 40 मिनट की बातचीत हुई और उसमें बहुत कुछ सेट हो गया.
अखिलेश यादव से बातचीत के बाद कहा जा रहा है कि दोनों में जो रिश्तों पर जमी हुई बर्फ थी, वह कहीं ना कहीं पिघली है. पिछले काफी वक्त से दोनों के बीच बातचीत नहीं हुई थी लेकिन अखिलेश यादव लगातार अपने नेताओं के जरिए आजम खान और उनके परिवार के संपर्क में रहे. अब आजम खान को लेकर कोई कंफ्यूजन न फैले, इसीलिए कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव ने उनसे मुलाकात की 8 अक्टूबर की एक तारीख भी मुकर्रर कर दी है.
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ये तारीख इसलिए भी अहम है क्योंकि 9 अक्टूबर को मायावती और बसपा एक बड़ी रैली करेंगे. कांशीराम के महापरिनिर्वाण दिवस पर होने वाली ये रैली इसलिए भी चर्चा में आई क्योंकि कयासबाजियां शुरू थीं कि आजम खान इस दिन कहीं बसपा न जॉइन कर लें. हालांकि जेल से निकलने के बाद आजम खान से जब इस बाबत कई दफा सवाल किए गए, तो हर बार उन्होंने ऐसी किसी सियासी संभावना को खारिज ही कर दिया.
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आजम खान को लेकर नए सियासी दावों पर फिलहाल विराम
अब इतना साफ है कि अखिलेश यादव और आजम खान के बीच हुई इस बातचीत और होने जा रही मुलाकात के बाद अब तक चली आ रही सियासी अटकलें कमजोर पड़ गई हैं. समाजवादी पार्टी के भीतर असंतोष, नए संगठनों की अटकलें और दावों को फिलहाल विराम मिलता दिख रहा है. 8 अक्टूबर की मुलाकात के बाद बहुत कुछ पुख्ता हो जाएगा कि आजम खान की सियासी लाइन अब किस ओर जाएगी और सपा में उनका रोल क्या होगा.
यहां नीचे आप यूपी Tak की खास पेशकश आज का यूपी का वीडियो रिपोर्ट देख सकते हैं.
इस वीडियो रिपोर्ट में आपको चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से चुनाव लड़ने वाले अमर चौधरी की सपा जॉइनिंग के सियासी असर का भी विश्लेषण मिलेगा. अमर चौधरी 2022 में एक बार पहले भी यह सपा जॉइन कर चुके थे. मनचाहा टिकट नहीं मिलने की बात कह तब उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. अमर चौधरी सबसे पहले अपना दल एस यानी कि अनुप्रिया पटेल की पार्टी से सोहरतगढ़ से चुनाव जीते थे. ये पटेल बिरादरी से आते हैं.