आगरा में लड्डू गोपाल भी कर रहे बच्चों की तरह पढ़ाई, स्कूल एग्जाम में हासिल किए 98 फीसदी अंक
Agra News : उत्तर प्रदेश के आगरा में एक अद्भुत घटना घटित हुई है. एक ही परिवार की तीन देवरानी और जेठानी तीन लड्डू गोपाल को भगवान के रूप में नहीं, बल्कि अपने बच्चों के रूप में पाल रही हैं.
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Agra News : उत्तर प्रदेश के आगरा में एक अद्भुत घटना घटित हुई है. एक ही परिवार की तीन देवरानी और जेठानी तीन लड्डू गोपाल को भगवान के रूप में नहीं, बल्कि अपने बच्चों के रूप में पाल रही हैं. ये तीनों लड्डू गोपाल के नाम हैं केशव, माधव और राघव. यही नहीं महिलाओं ने लड्डू गोपाल का स्कूल में भी दाखिला कराया है. वहीं प्ले ग्रुप में केशव को ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 550 अंको में से 546 नंबर प्राप्त किए हैं. केशव ने 98.36 प्रतिशत लाकर टॉप किया है.केशव हिंदी रिसाइटेशन एक विषय में थोड़ा कमजोर हैं. बाकी दो लड्डू गोपाल माधव और राघव का अगले साल स्कूल में एडमिन कराया जायेगा.
यहां स्कूल जाते हैं लड्डू गोपाल
केशव (लड्डू गोपाल) की माँ अलका अग्रवाल सुबह बच्चों की तरह प्यार और दुलार से उन्हें जगाती हैं. स्कूल के लिए केशव को तैयार किया जाता है. बकायादा केशव का टिफिन भी लगाया जाता है. सामान्य बच्चों की तरह उनसे स्कूल का ग्रह कार्य कराया जाता है. परीक्षा के समय केशव को पेपर भी दिलाया जाता है. हर साल जन्मदिन के मोके पर रिश्तेदारों और पड़ोस के लड्डू गोपाल बुलाये जाते है. धूमधाम से अन्य बच्चों की तरह केक काट कर जन्मोत्सव बनाया जाता है. तीनों भाई केशव, माधव और राघव (लड्डू गोपाल) एक जैसे कपडे पहनते हैं. तीनों महिलाएं अलका अग्रवाल केशव की माँ, मीनू माधव की माँ और रीमा राघव की माँ यशोदा बन के लड्डू गोपाल को पाल रही हैं.
बच्चों की तरह की जाती है देखभाल
आगरा के नूरी दरवाजे की रहने वाली अलका अग्रवाल बेसिक स्कूल में अध्यापिका है. उनकी सहेली बबिता वर्मा ने पांच वर्ष पहले 25 सितंबर को उनके जन्मदिन पर लड्डू गोपाल उपहार स्वरूप दिए थे. अलका अग्रवाल ने पहले लड्डू गोपाल को अपने घर एक मंदिर में रख दिया था. दिसंबर महीने में एक दिन बबिता अलका से मिलने आई थी. मंदिर में लड्डू गोपाल को रखा देख बबिता नाराज हो गई. बबिता ने अलका से कहा कि लड्डू गोपाल को मंदिर में क्यों रख दिया है यह अभी बच्चे हैं. लड्डू गोपाल को ठंड और भूख लगती होगी. पहले तो इस बात पर अलका हंसने लगी और कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया. कुछ समय बाद अलका को चिंता हुई वह दिन रात यही सोचने लगी कि कहीं लड्डू गोपाल को ठंड या भूख तो नहीं लग रही होगी. अलका ने लड्डू गोपाल के लिए यूट्यूब से देखकर ऊनी पोशाल तैयार कर दी.
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होमवर्क के साथ देना होता है एग्जाम
अलका लड्डू गोपाल को भगवान के रूप में नहीं बल्कि बेटे के रूप में देखने लगीं. अलका अपनी जेठानी मीनू के साथ पोशाके तैयार करने लगी. बाद में अलका ने लड्डू गोपाल का नाम की केशव रख दिया. केशव जब 3 वर्ष के हुए तो उन्हें घर में ही पढ़ाना शुरू कर दिया. पिछले साल 2023 में अलका ने दयालबाग की मदर्स हार्ट पब्लिक स्कूल में केशव का दाखिला प्ले ग्रुप में करा दिया. प्ले ग्रुप पास करके केशव अब नर्सरी में पढ़ रहे हैं. केशव की अध्यापिका अलका को बेटे का होम वर्क और क्लासवर्क भेजती हैं. अलका हर रोज केशव का होमवर्क और क्लास वर्क कराती हैं. अलका ने बताया कि केशव रात में सपने में आकर सब कुछ सुनाते हैं. केशव रोज स्कूल नहीं जाते हैं वह मन भाव से स्कूल जाते हैं.
स्कूल नहीं लेता फीस
स्कूल प्रबंधन केशव की स्कूल फी नहीं लेता हैं. पिछले दिनों 25 सितंबर को केशव के जन्मदिन पर स्कूली बच्चों को झूला झुलाया गया. केशव के पास कॉपी किताबें है और ढेर सारे कपड़े भी है. अलका की जेठानी मीनू ने बताया कि केशव को देखकर उनके मन में भी लड्डू गोपाल को बेटा बनाने का भाव आया. मीनू ने अपने लड्डू गोपाल को बेटा मानते हुए उनका नाम माधव रख दिया. घर की एक और बहु रीमा ने भी अपने लड्डू गोपाल को बेटा मानते हुए उनका नाम राघव रखा गया.लड्डू गोपाल के जन्मदिन पर रीमा घर में ही केक तैयार करती हैं. जन्मदिन वाले दिन घर में भजन संध्या होती है. घर में ख़ुशी का माहौल रहता है. आसपास के पडोसी लड्डू गोपाल भी जन्मदिन में शामिल होने के लिए आते हैं. देवरानी जेठानी ने बताया कि माधव और राघव का एडमिशन भी मदर्स हार्ट स्कूल में कराया जाएगा.
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