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इस साल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले कुल विद्यार्थियों की संख्या में कोरोनाकाल से पहले के शैक्षणिक सत्रों के मुकाबले नौ फीसदी से अधिक का इजाफा दर्ज किया गया है. वहीं, 90 प्रतिशत और 95 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है.
अकादमिक वर्ष 2021-22 में सीबीएसई की बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले 92.71 फीसदी छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए हैं. वहीं, 33,432 परीक्षार्थी 90 प्रतिशत, जबकि 1,34,797 छात्र-छात्राएं 95 फीसदी से अधिक अंक लाने में सफल रहे हैं.
साल 2021 में कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं का पास प्रतिशत 99.37 फीसदी दर्ज किया गया था, जो सीबीएसई के इतिहास में सर्वाधिक था. हालांकि, महामारी के कारण पिछले साल बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकी थीं और नतीजों की घोषणा विशेष मूल्यांकन योजना के आधार पर की गई थी.
इसी तरह, 2020 में बोर्ड परीक्षाओं के बीच में ही कोविड-19 की रोकथाम के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी. उस साल के नतीजे लॉकडाउन से पहले की परीक्षाओं में छात्रों के प्रदर्शन को ध्यान में रखने वाली मूल्यांकन योजना के आधार पर घोषित किए गए थे और उत्तीर्ण प्रतिशत 88.78 फीसदी रहा था.
महामारी से पहले 2019 में उत्तीर्ण प्रतिशत 83.40 फीसदी दर्ज किया गया था. वहीं, 2016, 2017 और 2018 में यह क्रमश: 83.05 फीसदी, 82.02 फीसदी और 83.01 फीसदी था. वहीं, 90 प्रतिशत और 95 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों की बात करें तो 2019 के मुकाबले 2022 में उनकी संख्या में क्रमश: 40,000 और 15,000 की वृद्धि दर्ज की गई है.
2020 और 2021 में 90 फीसदी से अधिक अंक पाने वाले परीक्षार्थियों की संख्या क्रमश: 1,57,934 और 1,50,152 थी. वहीं, 95 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल करने वालों के मामले में यह आंकड़ा क्रमश: 38,686 और 70,004 था. 2019 में 17,693 परीक्षार्थी 95 प्रतिशत और 94,299 छात्र-छात्राएं 90 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त करने में कामयाब रहे थे. जबकि, 2018 में 95 फीसदी और 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वालों की संख्या क्रमश: 12,737 और 72,599 थी.
पहली बार सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं दो चरणों में हुई हैं. पहले चरण की परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर 2021 तो दूसरे चरण की परीक्षाएं मई-जून 2022 में आयोजित की गई थीं. पहले चरण में प्राप्त अंकों को 30 फीसदी, जबकि दूसरे चरण में हासिल अंकों को 70 फीसदी वेटेज दिया गया है.