इस सरकार में भ्रष्टाचार ज्यादा है, महंगाई बढ़ गई और जनता परेशान है: शिवपाल यादव

रंजय सिंह

• 03:17 AM • 01 Jan 2023

UP Political News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) शनिवार को कानपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सूबे की…

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UP Political News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) शनिवार को कानपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सूबे की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा और कई बड़े आरोप लगाए. उन्होंने कहा,

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“समाजवादी पार्टी 2023 में सड़कों पर उतरकर प्रदेश सरकार के खिलाफ सत्याग्रह करेगी, क्योंकि इस सरकार में भ्रष्टाचार ज्यादा है और महंगाई बढ़ गई है. जनता परेशान है.”

शिवपाल सिंह यादव

शिवपाल सिंह यादव ने आगे कहा, “सपा के कार्यकर्ताओं पर सरकार गलत ढंग से मुकदमे कर रही है. समाजवादी पार्टी 2023 में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर सत्याग्रह शुरू करेगी.”

मुलायम के निधन के बाद एक हुए थे चाचा-भतीजे

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में शिवपाल ने गिले-शिकवे भुलाकर अखिलेश की पत्नी और सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के पक्ष में प्रचार किया था. डिंपल की जीत के बाद अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी (सपा) का झंडा प्रदान किया और इसके साथ ही प्रसपा के सपा में विलय हो गया.

अखिलेश से तनातनी के बाद शिवपाल ने बनाई थी अपनी पार्टी

गौरतलब है कि सितंबर 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उस वक्त कैबिनेट मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव के बीच तनातनी शुरू हो गई थी. इसके बाद दोनों के बीच पार्टी और सरकार पर वर्चस्व की जंग शुरू हो गयी थी. एक जनवरी, 2017 को अखिलेश को पार्टी का अध्यक्ष बना दिया गया था. उसके बाद शिवपाल पार्टी में हाशिये पर पहुंच गए थे. सपा में ‘सम्मान’ नहीं मिलने पर उन्होंने अगस्त 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया का गठन कर लिया था.

इसके बाद शिवपाल ने वर्ष 2019 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट का चुनाव सपा प्रत्याशी अक्षय यादव के खिलाफ लड़ा था. हालांकि, वह जीत नहीं सके थे. लेकिन उन्हें 90 हजार से ज्यादा वोट मिले थे, जिसे सपा प्रत्याशी की पराजय की बड़ी वजह माना गया था.

हालांकि, शिवपाल ने इस साल के शुरू में हुए विधानसभा चुनाव में जसवंत नगर सीट से सपा के ही टिकट पर चुनाव लड़ा था और उसमें जीत हासिल की थी. मगर उसके बाद अखिलेश से फिर से उनका मनमुटाव शुरू हो गया था.

केशव मौर्य बोले- ‘अगर शिवपाल चुनावी चाचा नहीं होंगे तो उन्हें कुछ न कुछ जरूर मिलेगा’

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