संजय निषाद ने बताया- यूपी में कितनी है उनकी ताकत, ‘हाथी, लाठी, 786 साथ हुए फिर भी हराया’

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और निषाद पार्टी ने गठबंधन का ऐलान कर दिया है. हालांकि दोनों पार्टियों में सीट बंटवारे…

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उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और निषाद पार्टी ने गठबंधन का ऐलान कर दिया है. हालांकि दोनों पार्टियों में सीट बंटवारे को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. निषाद पार्टी यूपी के कई जिलों की विधानसभा सीटों पर फेरबदल की ताकत रखने का दावा करती रही है. निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद ने यूपी तक के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में यूपी को लेकर अपनी तैयारियों, मुद्दों और बीजेपी के साथ सीट बंटवारे जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की. पेश है उनके साथ हुई बातचीत के संपादित अंश:

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कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी निषाद पार्टी?

संजय निषाद ने यूपी तक को बताया कि एनडीए के साथ उनका गठबंधन 2019 से ही है, बस उसे तरोताजा करने की जरूरत थी. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी को उनके समुदाय ने वोट किया, लेकिन उसने कानून बनाकर ताल-घाट-नदी सब छीन लिया. उन्होंने एसपी-बीएसपी पर भी समाज के मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. बीजेपी के साथ सीट शेयरिंग के मुद्दे पर संजय निषाद ने कहा कि सीटों का कोई लफड़ा ही नहीं है, इस बार सीट नहीं, जीत की बात है.

100 सीटों पर चुनाव लड़ने के दावे का क्या? संजय निषाद ने इस सवाल के जवाब में कहा, ”हमारे 403 विधानसभा सीटों पर 10 से 15 हजार वोट हैं. 160 सीटों पर 25 से 50 हजार वोट हैं. 70 सीटों पर कार्यकर्ता नियुक्त हैं. हमने बता दिया कि हमारे पास क्या है. बीजेपी को हमें सम्मानजनक सीटें देनी चाहिए.” संजय निषाद ने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान ने कहा भी कि सारे मुद्दे एक-एक करके हल किए जाएंगे.

क्या अपनी पार्टी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ेंगे?

संजय निषाद खुद को पॉलिटिकल गॉडफादर ऑफ फिशरमैन कहते हैं. उनका कहना है कि बीजेपी ने वादा किया है कि संवैधानिक व्यवस्था में मछुआरों के लिए आरक्षण की जो व्यवस्था है, वो समुदाय को दिया जाएगा, इसीलिए वह बीजेपी का साथ दे रहे हैं. संजय निषाद ने कहा कि 2017 में यूपी विधानसभा का चुनाव उन्होंने अपनी पार्टी के सिंबल पर ही लड़ा था, आगे भी पार्टी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ेंगे.

2022 को लेकर क्या दावे हैं?

संजय निषाद ने यूपी तक से कहा कि 2019 में हाथी-लाठी-786, तीनों साथ आए थे लेकिन हमने बीजेपी के साथ मिलकर 40 सीटें जीत लीं.

हाथी-लाठी-786 से निषाद महागठबंधन की ओर इशारा कर रहे हैं. साथ ही, 786 से उनका संकेत मुस्लिम वोटर्स की तरफ भी जाता दिख रहा है.

संजय निषाद का सवाल है कि अब एसपी-बीएसपी को किसका वोट मिलेगा? उनका दावा है कि 2022 में एनडीए की सत्ता में वापसी होगी.

मुकेश सहनी और खुद की तुलना मुलायम-लालू से की

क्या मुकेश सहनी यूपी में निषाद पार्टी के हितों को नुकसान पहुंचाएंगे? इस सवाल के जवाब में संजय निषाद ने कहा कि 2017 में उन्होंने मुकेश सहनी को ज्ञान दिया था, तो उन्होंने बिहार में जाकर अच्छा किया. संजय निषाद ने कहा कि जैसे बिहार में लालू और यूपी में मुलायम हैं, वैसे ही बिहार में मुकेश सहनी और यूपी में संजय निषाद हैं.

एमएलसी पद या मंत्री?

यूपी में योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के विस्तार के चर्चे हैं. इस बीच ऐसा कहा जा रहा है कि संजय निषाद भी एमएलसी बनने की रेस में हैं. एमएलसी का पद चाहिए या मंत्री पद भी? इस सवाल के जवाब में संजय निषाद ने कहा, ”हम पद प्रतिष्ठान के लिए काम नहीं करते. समाज के हक के लिए काम करते हैं. 2022 में हम लोग सत्ता बनाएंगे. अगर बीजेपी कुछ करती है, तो उसका धन्यवाद करेंगे.”

संजय निषाद ने योगी आदित्यनाथ का शुक्रिया अदा करते हुए बताया कि निषाद आरक्षण के मुद्दे पर सीएम ने सिद्धार्थनाथ सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों को लगाया है, बीजेपी ने इसे जल्द सुलझाने का वादा किया है.

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