Akash Anand News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है. मायावती (Mayawati) द्वारा लोकसभा चुनाव की तैयारी के सिलसिले में बुलाई गई पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होने आए बसपा की शाहजहांपुर इकाई के जिला अध्यक्ष उदयवीर सिंह ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि पार्टी अध्यक्ष ने बैठक में अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. बता दें कि फिलहाल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर आकाश पार्टी की अलग-अलग विंग को देखेंगे. इस बीच लोगों आकाश आनंद के बारे में जानने की उत्साह है. आइए आपको खबर में आगे तफ्सील से बताते हैं कि आकाश आनंद कौन हैं?
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कौन हैं मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद?
गौरतलब है कि 2017 में मायावती ने आकाश को सहारनपुर की जनसभा में सबसे पहले लॉन्च किया था. जहां वह पहली बार मायावती के साथ मंच पर दिखाई दिए थे. यूपी तक को आकाश आनंद के नाम से एक लिंक्डइन प्रोफाइल भी मिली है. इसमें आकाश आनंद की तस्वीर लगी हुई है. इस लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, आकाश आनंद का पद फाउंडर एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, डीजेटी कॉरपोरेशन एंड इंवेस्टमेंट्स लिखा हुआ है. इसके अनुसार, आकाश डीजेटी कॉरपोरेशन एंड इंवेस्टमेंट्स के संस्थापक हैं और उन्होंने यह कंपनी सात साल पहले अप्रैल 2016 में बनाई थी.
इस प्रोफाइल से जुड़ी जानकारी के अनुसार, आकाश ने 2013 से 2016 के बीच यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ प्लीमथ से बीबीए की पढ़ाई की है. वहीं, पाथवेज वर्ल्ड नामक स्कूल से भी उन्होंने पढ़ाई की है.
आकाश की है ये नई रणनीति-
ऐसा कहा जा रहा है कि आकाश आनंद का सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा फोकस होगा. हर राज्य की सोशल मीडिया टीम इसके अलावा मीडिया सेल बनाई जाएगी, जो सीधे आकाश को रिपोर्ट करेगी. आकाश आनंद के नेतृत्व में अब मीडिया से दूरी की बजाय निकटता को तरजीह दी जाएगी.
बता दें कि 2019 में समाजवादी पार्टी से हुए गठबंधन के आकाश आनंद गवाह रहे हैं. बीते लोकसभा चुनाव के बाद मायावती ने आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया था और तब से पार्टी के सभी आंतरिक मीटिंग में वह हिस्सा लेते हैं.
अभी हुए पांच राज्यों के चुनाव में मायावती ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के साथ-साथ तेलंगाना का जिम्मा भी आकाश आनंद को दे रखा था. आकाश के करीबी लोगों का दावा है कि अगर यह पूरा चुनाव आकाश आनंद को फ्री हैंड देकर लड़ने दिया जाता तो राजस्थान का नतीजा अलग होता. पार्टी ने स्थानीय यूनिट की बातों को इन चुनाव में ज्यादा तरजीह दी थी.
मायावती ने अपने पास रखे सारे अधिकार
बीएसपी के भीतर एक बड़ा तबका बहुत वक्त से एक नए चेहरे की तलाश में था और मायावती लगातार अपने काडर के सामने आकाश के चेहरे को पेश कर रही थीं. आकाश के आने के बाद अब बसपा को नया नेतृत्व लगभग मिल गया है. हालांकि मायावती ने फिलहाल सारे अधिकार अपने पास रखे हैं.
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