UP Nikay Chunav: आगरा में मेयर पद की टिकट के लिए BJP में लगी लाइन, ये लोग कर रहे दावेदारी

अरविंद शर्मा

• 07:31 AM • 06 Dec 2022

UP Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश के आगरा में महापौर की सीट अनुसूचित महिला खाते में चली गई है. आरक्षण सूची की तस्वीर साफ होने के…

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UP Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश के आगरा में महापौर की सीट अनुसूचित महिला खाते में चली गई है. आरक्षण सूची की तस्वीर साफ होने के बाद भारतीय जनता पार्टी से महापौर के लिए दावेदारों के नाम पर चर्चा शुरू हो गई है. आगरा के राजनीतिक गलियारों में चर्चा यकायक उठ खड़ी हुई है कि वर्तमान केंद्रीय राज्य मंत्री एवं आगरा से सांसद एसपी सिंह बघेल की बेटी टिकट की दावेदार हो सकती हैं. दूसरी तरफ आगरा के सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री की पत्नी भी चुनावी घमासान में ताल ठोक सकती हैं. वहीं, एक पूर्व महिला विधायक ने भी मेयर पद के लिए दावेदारी की है. इसके अलावा भी कई दिग्गज परिवारों की बहुओं ने भी महापौर पद की टिकट के लिए दावेदारी की है. इस रिपोर्ट में जानिए कौन-कौन है चुनावी मैदान में?

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कौन-कौन हैं भाजपा के उम्मीदवार?

बता दें कि आरक्षण सूची जारी होने के बाद सामान्य और पिछड़ा वर्ग के दावेदार मायूस हैं. या यूं कहें कि अरमानों पर पानी फिर गया है. अब सवाल यह उठ रहा है कि महापौर पद पर भारतीय जनता पार्टी की टिकट से चुनाव कौन लड़ सकता है? सबसे पहला नाम पूर्व विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाहा का सामने आ रहा है. हेमलता दिवाकर कुशवाहा ने महापौर पद पर चुनाव लड़ने के लिए भाजपा के अंदर टिकट के लिए दावेदारी पेश की है. हेमलता दिवाकर कुशवाहा पिछले विधानसभा सत्र में आगरा ग्रामीण विधानसभा से भाजपा की विधायक रही हैं. हेमलता दिवाकर कुशवाहा को इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिली था.

बता दें कि हेमलता दिवाकर कुशवाहा की टिकट काट कर आगरा ग्रामीण से उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं बेबी रानी मौर्य के हाथ में पार्टी ने टिकट थमा दी थी. आगरा ग्रामीण से चुनाव जीतने के बाद बेबी रानी मौर्य उत्तर प्रदेश सरकार में काबीना मंत्री बन गई हैं. चर्चा चल रही है कि हेमलता दिवाकर कुशवाहा का राजनीतिक गुट मजबूत है और स्थानीय राजनीति में राष्ट्रीय क्षितिज पर अपनी पहचान बनाने वाले नेता के बलबूते वह टिकट की दावेदारी कर रही हैं.

दूसरा नाम प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री के पुत्र अवधेश सुमन की पत्नी इति सुमन का सामने आ रहा है. ईति सुमन वर्तमान में एत्मादपुर से ब्लॉक प्रमुख भी हैं. इति सुमन ने भी भाजपा की टिकट के लिए दावेदारी की है. सुमन परिवार का जाटव समाज में अच्छा दखल है. इसलिए इति सुमन भी मजबूत प्रत्याशी के रूप में मैदान में नजर आ रही हैं.

इसके अलावा पूर्व विधायक गुटियारी लाल की पुत्रवधू हिमांशी ने भी भाजपा की टिकट के लिए दावेदारी पेश की है. गुटियारी लाल दो बार बसपा के टिकट पर विधायक रहे हैं. पूर्व विधायक गुटियारी लाल के साथ भाजपा में सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं. पुत्रवधू की सिफारिश के लिए लखनऊ दिल्ली एक किए हुए हैं. गुटियारी लाल की पुत्रवधू को भी मजबूत प्रत्याशी के रूप में देखा जा रहा है.

भाजपा कार्यकर्ता राहुल सागर की पत्नी ने भी मेयर पद की टिकट के लिए संगठन में दावेदारी पेश की है. इसके साथ ही भाजपा ब्रज क्षेत्र के क्षेत्रीय मंत्री अशोक पिप्पल की पुत्रवधू कल्पना पिप्पल ने भी टिकट के लिए दावेदारी पेश की है. अशोक पिप्पल की संगठन और संघ में मजबूत पकड़ है. इस लिहाज से कल्पना पिप्पल की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है.

इन दो नामों की है खूब चर्चा

यूं तो मेयर पद की टिकट के लिए भाजपा में दावेदारों की लंबी सूची है, लेकिन दो बड़े नाम ऐसे हैं जिन्होंने टिकट के लिए अभी तक दावेदारी तो पेश नहीं की है. लेकिन चर्चाओं के बाजार में दोनों का नाम सबसे ऊपर चल रहा है. पहला नाम केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह की बेटी सलोनी बघेल का है. बाजार में ऐसी चर्चाएं हैं कि केंद्रीय राज्य मंत्री की बेटी डॉक्टर सलोनी बघेल मेयर पद के लिए भाजपा की प्रत्याशी हो सकती हैं. डॉक्टर सलोनी बघेल एमडी डॉक्टर हैं.

दूसरा नाम पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और वर्तमान में इटावा से सांसद प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया की पत्नी डॉ. मृदुला कठेरिया का है. चर्चाओं के बाजार में डॉक्टर मृदुला कठेरिया भी लोगों को भाजपा की प्रत्याशी नजर आ रही हैं. प्रो रामशंकर कठेरिया आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहे हैं. ऐसे में चर्चा हो रही हैं कि सांसद प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया अपनी पत्नी डॉ. मृदुला कठेरिया को भाजपा की टिकट दिलवाने के लिए पूरी पैरवी कर सकते हैं.

बता दें कि नए परिसीमन में आगरा नगर निगम के वॉर्डों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है. इस बार सौ वॉर्डों में पार्षद पद के लिए चुनाव होगा. प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा, सपा, बसपा और रालोद के साथ निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में होंगे. चुनाव में राजनीतिक दलों से टिकट पाने के लिए प्रत्याशियों में मारामारी मची हुई है. कई दावेदारों ने अपने आप को प्रत्याशी मानकर सोशल मीडिया पर प्रचार भी शुरू कर दिया है.

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