बुलंदशहर के राज्य स्तर पर कबड्डी खेलकर मेडल जीतने वाले ब्रजेश सोलंकी की जिंदगी एक मासूम से कुत्ते के पिल्ले की वजह से खत्म हो गई. हैरानी की बात ये है कि जिस पिल्ले को बचाने के लिए ब्रजेश ने जान पर खेला, उसी ने उन्हें काट लिया और रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी की चपेट में आकर 22 साल के इस होनहार खिलाड़ी की मौत हो गई.
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पिल्ले को नाली से निकाला, उसी ने काट लिया
ब्रजेश सोलंकी खुर्जा नगर कोतवाली क्षेत्र के गांव फराना के निवासी थे. उनके भाई संदीप के अनुसार, करीब एक महीने पहले ब्रजेश ने नाली में फंसे एक पिल्ले को बाहर निकाला था. तभी उस पिल्ले ने हल्के से काट लिया. चोट मामूली लगी थी, इसलिए ब्रजेश ने इसे हल्के में लिया और एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लगवाया.
मौत से पहले का दर्दनाक वीडियो वायरल
मौत से पहले ब्रजेश की तड़पते हुए एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे बार-बार सांस लेने की कोशिश करते दिखते हैं. डॉक्टरों के अनुसार, ये रेबीज के आखिरी स्टेज के लक्षण होते हैं - सांस लेने में तकलीफ, चीख-पुकार और पानी से डर. परिवार वालों को जब तक सच्चाई पता चली, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. 26 जून को हालत बिगड़ी, 28 जून को मौत हो गई. अलीगढ़ और दिल्ली ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन कोई अस्पताल उन्हें सही वक्त पर गंभीरता से नहीं ले सका.
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भाई की पीड़ा: 'सरकार हमारे गांव के बच्चों के लिए ग्राउंड बनाए'
ब्रजेश के भाई संदीप ने बताया, 'ब्रजेश खुद तो चला गया, लेकिन वो गांव के 25-30 बच्चों को हर दिन कच्चे खेतों में कबड्डी की ट्रेनिंग देता था. हमारा गांव फराना बहुत गरीब है, सरकारी जमीन तो है, लेकिन कोई स्टेडियम या प्रैक्टिस ग्राउंड नहीं है. सरकार से हमारी मांग है कि ब्रजेश की याद में एक ग्राउंड बनाया जाए.'
रैबीज क्या होता है और इससे कैसे बचें?
रैबीज एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित जानवर के काटने से फैलता है - खासकर कुत्तों के काटने से.
लक्षण: पानी से डर, सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, बेचैनी और अंत में मौत तक हो सकती है.
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