सावरकर जयंती पर शनिवार को सीएम योगी ने लखनऊ में ‘वीर सावरकर’ किताब का विमोचन किया. यह किताब उदय महुरकर और चिरायु पंडित ने लिखी है. इस मौके पर सीएम योगी ने आजादी के आंदोलन में सावरकर की भूमिका को याद करते हुए कहा कि उनके जैसा क्रांतिकारी, कवि, लेखक और दार्शनिक दूसरा कोई नहीं हुआ. सीएम योगी ने लगे हाथों कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि अटल जी की सरकार ने पोर्ट ब्लेयर में सावरकर की प्रतिमा लगवाई थी, जिसे बाद में कांग्रेस की सरकार ने हटवा दिया.
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सावरकर पर पुस्तक विमोचन के दौरान सीएम योगी ने कहा, ‘वीर सावरकर जी की प्रतिभा को छिपाने की कोशिश पहले ब्रिटिशर्स ने फिर आज़ादी के तत्काल बाद जिनके हाथ सत्ता आई उंन्होने हर सम्भव प्रयास किया. श्रद्धेय अटल जी की सरकार ने पोर्टब्लेयर की सेल्युलर जेल में उनकी प्रतिमा लगवाया, जिसे बाद में कांग्रेस की सरकार ने हटवा दिया. सावरकर बीसवीं सदी के महानायक थे. उनसे बड़ा क्रांतिकारी, लेखक, कवि,दार्शनिक कोई नही हुआ. वो सामान्य व्यक्ति नही थे. एक ही जन्म में दो-दो आजीवन कारावास की सजा काटी.’
सीएम योगी ने कहा कि ‘जेल की काल कोठरी में उनके पास कलम और कागज नहीं थी, तो उन्होंने जेल की दीवारों पर नाखूनों से लिखने गढ़ने का काम किया. ब्रिटिशर्स उनसे सबसे ज्यादा भयभीत थे,उनकी कोठरी फांसी घर के सामने थी. आज़ादी के बाद उन्हें जो सम्मान मिलना था, नहीं मिला. 1960 तक उनको उनकी पैतृक संपत्ति नही मिल पाई, जबकि आज़ादी 1947 में मिल चुकी थी.’
जिन्ना से तुलना करने वालों को बताया सत्तालोलुप
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘तत्कालीन सत्ता लोलुप दलों ने सावरकर की तुलना जिन्ना से की. उन्होंने कहा था जिन्ना की सोच संकुचित है, संकीर्ण है, राष्ट्र को तोड़ने वाली है, जिन्ना भारत के विभाजन का कारक है. सावरकर जी की बात को कांग्रेस ने माना होता तो ये देश विभाजन की त्रासदी से बच गया होता. हम आज़ादी के अमृत महोत्सव वर्ष में उनकी जन्मदिन मना रहे हैं. उस वक़्त के निर्णयकर्ता उनकी बातों से सीख लेते तो भारत विभाजन की त्रासदी से बच गया होता.
सीएम योगी ने आगे कहा, ‘उन्होंने कहा था पाकिस्तान कोई वास्तविकता नही हो सकती, लेकिन हिंदुस्तान हमेशा रहेगा. यह नेशन फर्स्ट की थ्योरी ही आज की वास्तविकता है. नेशन फर्स्ट की थ्योरी हमने अपनाई होती तो 1962, 65,1971 में भारत के बहादुर सैनिकों की शहादत न होती. आज आतंकवाद, अलगाववाद न पनपते. हम हमेशा समझौते की टेबल पर हार जाते थे.’
सावरकर पर बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोहिया का उदाहरण भी दिया. सीएम ने कहा, ‘डॉ लोहिया ने कहा था अगर कोई व्यक्ति 50साल बाद भी सम्मान से याद किया जाता है तो वो कोई साधारण व्यक्ति नहीं होगा. आज सावरकर को याद करके हम यही कर रहे हैं. वीर सावरकर की दृष्टि आज भी प्रासंगिक है. भारत को फिर से किसी विभाजन की त्रासदी से सावरकर की दृष्टि ही बचा सकती है. सावरकर जी की कृति हर पुस्तकालय विश्वविद्यालय में जानी चाहिए, थीसिस होनी चाहिए, शोध होने चाहिए.’
इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने यूपी में एक बार फिर सड़क पर नमाज, पूजा नहीं होने देने को अपनी उपलब्धि के तौर पर पेश किया. सीएम ने कहा, ‘सड़क न पूजा के लिए होगी, न नमाज़ के लिए होगी, सड़क आवागमन के लिए होगी. हम अपनी धार्मिक आस्था को दूसरे के ऊपर नहीं थोप सकते.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘यूपी में रामनवमी पर कोई दंगे नहीं हुए, सड़क पर नमाज़ नहीं हुई. अलविदा की नमाज़ भी सड़क पर नहीं हुई. धर्म स्थल पर लगे माइक हटने से आज जनता काफ़ी सुकून महसूस कर रही होगी.’
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