संभल की जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई मामले को लेकर सपा सांसद बर्क ASI पर बोला हमला, दिया ये बड़ा बयान

Sambhal News: संभल की शाही जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर आए फैसले पर समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

Sambhal MP Ziaur Rahman Barq

अभिनव माथुर

• 12:11 PM • 01 Mar 2025

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Sambhal News: संभल की शाही जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर आए फैसले पर समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि सभी लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि ASI किसके कहने पर करती है काम? 

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क्या बोले सांसद जियाउर्रहमान बर्क?

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि 'मस्जिद में रंगाई-पुताई कोई बड़ी बात नहीं है. धार्मिक स्थलों की मरम्मत और सजावट रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा होती है. रमजान के अवसर पर मस्जिद में रंगाई-पुताई कराई जा रही थी, लेकिन अब इसे विवाद का मुद्दा बना दिया गया है.'

उन्होंने आगे कहा कि "हम लोग कानून और न्यायपालिका का सम्मान करते हैं. अगर जरूरी हुआ तो हम हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे और सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं. हालांकि, हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी में यदि अदालत का कोई प्रतिनिधि शामिल होता, तो रिपोर्ट संतुलित और निष्पक्ष होती."

सांसद ने ASI पर निशाना साधते हुए कहा, "सभी को पता है कि ASI किसके इशारे पर काम कर रही है."

सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद के दावे पर भी जताई आपत्ति

यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे में कहा है कि संभल की जामा मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी हुई है. इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बर्क ने कहा, "यह पूरी तरह बेबुनियाद और भ्रामक दावा है. इस्लाम में मस्जिद के लिए खरीदी गई जमीन ही मान्य होती है. सरकार के पास इस मसले पर कोई ठोस सबूत नहीं है. इस तरह के बयानों से केवल जनता को गुमराह किया जा रहा है."

मामला क्यों उठा?

संभल की ऐतिहासिक जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई को लेकर विवाद तब खड़ा हुआ जब ASI ने इसे लेकर हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की. इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश दिया, जिस पर सांसद बर्क ने असहमति जताते हुए इसे न्यायसंगत नहीं बताया. अब देखना होगा कि क्या समाजवादी पार्टी इस फैसले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी या फिर कोई और रास्ता अपनाया जाएगा.

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