‘चाहे काशी हो या मथुरा…’, कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह को लेकर ओवैसी का बड़ा बयान

Uttar Pradesh News : मथुरा श्री कृष्ण जन्म भूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया है.…

रजत कुमार

14 Dec 2023 (अपडेटेड: 14 Dec 2023, 04:42 PM)

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Uttar Pradesh News : मथुरा श्री कृष्ण जन्म भूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया है. अदालत ने विवादित परिसर का कोर्ट कमिश्नर से सर्वे कराए जाने की मांग वाली अर्जी मंजूर कर ली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा अर्जी मंजूर किए जाने से मथुरा के विवादित परिसर का कोर्ट कमिश्नर द्वारा सर्वे का रास्ता लगभग साफ हो गया है. वहीं कोर्ट के इस फैसले पर एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कड़ी आपत्ति जताई है.

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फैसले पर भड़के औवेसी

असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी तक से बात करते हुए कहा कि, ‘मथुरा विवाद दशकों पहले मंदिर ट्रस्ट और मस्जिद कमेटी ने आपसी सहमति से सुलझा लिया था. काशी, मथुरा या लखनऊ की टीले वाली मस्जिद हो. कोई भी इस समझौते को पढ़ सकता है.’ इस मामले पर ओवैसी ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का जिक्र करते हुए कहा, “प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट अभी भी है, लेकिन इस ग्रुप ने कानून और न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बना दिया है. सुप्रीम कोर्ट को मामले में 9 जनवरी को सुनवाई करनी थी तो ऐसी क्या जल्दी थी कि सर्वे कराने का फैसला देना पड़ा.’

मौलाना खालिद रशीद ने कही ये बात

कृष्ण जन्मभूमि मामले पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि, ‘जहां तक मथुरा ईदगाह मामले का सवाल है, हम सभी भारतीय स्वाभाविक रूप से अदालतों के सभी फैसलों का सम्मान करते हैं. लेकिन जहां तक हमारी बात है स्टैंड की बात करें तो इस्लामिक कानून के मुताबिक, कोई भी मुस्लिम किसी अन्य व्यक्ति की जमीन पर मस्जिद या ईदगाह नहीं बना सकता है. दूसरा मुद्दा यह है कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 अभी भी मौजूद है. इसलिए यह कानून के जानकारों के लिए एक सवाल है. तय करें, जबकि यह अधिनियम अभी भी मौजूद है, एक पूजा स्थल के बाद दूसरे पूजा स्थल के मुद्दों को उठाना कानूनी रूप से उचित है. सुप्रीम कोर्ट का रास्ता सभी के लिए खुला है.’

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