देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है. हर तरफ से संवेदनाओं के संदेश आ रहे हैं, और उनके साथ बिताए पल लोगों को भावुक कर रहे हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के पटवाई कस्बे के असलम खान के लिए यह खबर किसी गहरे व्यक्तिगत दुख की तरह है. असलम खान ने 2012 में डॉ. मनमोहन सिंह से दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री निवास पर मुलाकात की थी. यह मुलाकात उनके जीवन का सबसे खास पल था. उस मुलाकात की यादें और मनमोहन सिंह के साथ ली गई तस्वीरें आज असलम के आंसुओं का कारण बन रही हैं.
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"मैंने ऐसा प्रधानमंत्री खो दिया जो हमेशा याद रहेगा"
असलम खान ने बताया, "जब से मैंने टीवी पर यह खबर देखी कि डॉ. मनमोहन सिंह नहीं रहे, तब से मेरा दिल भारी हो गया है. वह इतने सहज और विनम्र व्यक्ति थे कि मुझे बिल्कुल महसूस नहीं हुआ कि मैं देश के प्रधानमंत्री से बात कर रहा हूं. वह मेरी हर बात बहुत ध्यान से सुन रहे थे."
2012 की वो मुलाकात जिसने असलम की जिंदगी बदल दी
असलम ने अपनी मुलाकात के बारे में बताया, "मैंने 2012 में अपने गांव और जिले की समस्याओं को लेकर उनसे मुलाकात की थी. मैंने उन्हें बताया था कि गरीबों को अस्पतालों में दवाइयां नहीं मिलतीं, बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर और लोन नहीं मिलता. मैंने यह भी कहा था कि हमारे इलाके में पटवाई को ब्लॉक बनाया जाए."
मनमोहन सिंह ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और डीएम को कार्रवाई के निर्देश भी दिए. असलम के मुताबिक, "उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वे इस पर काम करेंगे. उन्होंने मुझे नाश्ता कराया और बहुत सम्मान दिया. मुझे ऐसा लगा ही नहीं कि मैं किसी प्रधानमंत्री से मिल रहा हूं. उनका स्वभाव इतना सरल और दिल को छू लेने वाला था."
भावुक कर देने वाली यादें
असलम ने कहा, "जब मैंने यह सुना कि उनकी हालत गंभीर है और वह एम्स में भर्ती हैं, तब से मैं लगातार परेशान था. उनके निधन की खबर ने मेरे दिल को झकझोर दिया है. मुझे बार-बार यही लगता है कि देश ने ऐसा प्रधानमंत्री खो दिया है, जिसे पाना अब बहुत मुश्किल है. उन्होंने मुझ जैसे साधारण व्यक्ति को जो मान-सम्मान दिया, वह कभी नहीं भूल सकता."
डॉ. मनमोहन सिंह की सरलता और सादगी ने न सिर्फ बड़े राजनेताओं को बल्कि आम जनता को भी गहराई से प्रभावित किया था. असलम खान जैसे लाखों लोग आज उनके व्यक्तित्व और काम की मिसाल दे रहे हैं. उनके निधन से देश ने एक सच्चा नेता और महान इंसान खो दिया है.
"देश के लिए अपूरणीय क्षति"
असलम ने अपनी बात खत्म करते हुए कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह जैसा प्रधानमंत्री मिलना इस देश के लिए बहुत मुश्किल है. उन्होंने हर गरीब, हर नागरिक को सम्मान दिया और हमेशा सबकी भलाई के लिए काम किया." मनमोहन सिंह की यादों के साथ असलम खान की आंखों से बहते आंसू यह बताते हैं कि एक नेता के लिए जनता के दिल में जगह बनाना कितना अहम होता है. उनके जैसे नेता के जाने का दर्द केवल राजनीतिक गलियारों तक सीमित नहीं, बल्कि आम नागरिक के दिलों तक पहुंचा है.
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