अखिलेश यादव और आजम खान की जेल में मुलाकात से बढ़ गई सियासी गर्मी, हो सकता है बड़ा एलान

आशीष श्रीवास्तव

22 Mar 2024 (अपडेटेड: 22 Mar 2024, 02:22 PM)

समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव शुक्रवार को सीतापुर जेल पहुंचे. यहां उन्होंने जेल में बंद आजम खान से मुलाकात की.

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Uttar Pradesh News : समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव शुक्रवार को सीतापुर जेल पहुंचे. यहां उन्होंने जेल में बंद आजम खान से मुलाकात की.फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में सपा नेता आजम खान कई महीने से जेल में बंद हैं.  बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव और आजम खान के बीच रामपुर लोकसभा सीट को लेकर चर्चा हुई है. इस मुलाकात के बाद अखिलेश यादव रामपुर लोकसभा सीट से टिकट की घोषणा कर सकते हैं.

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मुलाकात के बाद कही ये बात

वहीं आजम खान से मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा. सपा प्रमुख ने कहा कि, हमारी आजम खान से अच्छी बात हुई है. हम और वो जानते है. जनता सत्ता से हटा देगी पता है. उन्होंने कहा कि, 'बीजेपी घबरा गई है. उन्हें पता है कि जनता इस बार उन्हें सत्ता से हटा देगी.वे घबराहट में वो विपक्ष के लोगों पर कार्रवाई कर रहे हैं. वे इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.' ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स क्योंकि वे डरे हुए हैं. यह सब गठबंधन को बदनाम करने और कमजोर करने के लिए है. लेकिन इंडिया एलायंस के सभी सदस्य ताकत से लड़ेंगे और लोगों को न्याय दिलाएंगे. जब तक भाजपा से सावधान रहें चुनाव.वे कुछ भी कर सकते हैं.'

आजम खान से मिलने पहुंचे अखिलेश

बता दें कि मालूम हो कि कि जबसे दूसरी बार आजम खान यहां निरुद्ध किये गए हैं तबसे लेकर अभी तक अखिलेश की जेल में यह पहली मुलाकात है. बताते चलें कि पिछले साल फेक बर्थ सर्टिफिकेट केस में सपा नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए 7-7 साल की  सजा सुनाई गई थी. फेक बर्थ सर्टिफिकेट का यह केस साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा है. तब अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उनकी जीत भी हुई थी.

चुनावी नतीजों के बाद उनके खिलाफ हाई कोर्ट में केस दाखिल कर दिया गया था. उन पर आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला आजम ने चुनावी फार्म में जो उम्र बताई है, असल में उनकी उम्र उतनी नहीं है. आरोप था कि अब्दुल्ला विधायक का चुनाव लड़ने की की उम्र का पैमाना पूरा नहीं करते हैं. शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला का डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी 1993 है, जबकि जन्म प्रमाण पत्र में 30 सितंबर 1990 है.  यह मामला हाई कोर्ट पहुंचने के बाद इस पर सुनवाई शुरू हुई थी. अब्दुल्ला आजम की तरफ से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया था.

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