उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बड़ागांव थाने के दारोगा मिथिलेश प्रजापति के साथ साथ कुछ सिपाहियों को वकीलों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीट दिया. इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए. ऐसे में आनन-फानन में उन्हें BHU ट्रामा सेंटर में एडमिट किया गया है.
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दारोगा पर हमला करने के पीछे की वजह दो पक्षों के बीच का जमीनी विवाद बताया जा रहा है. इस जमीनी विवाद में दारोगा ने दोनों ही पक्षों का 151 में चालान कर दिया था जिसमें एक पक्ष वकील था. आरोप ये भी था कि दारोगा मिथिलेश प्रजापति ने बीते दिनों जमीनी विवाद में वकील के साथ न केवल बदतमीजी की थी बल्कि मारपीट भी की थी. इससे नाराज होकर वकील कचहरी में घात लगाकर बैठे हुए थे.
दारोगा मिथिलेश प्रजापति को बुरी तरह पीटा
बता दें ये घटना उस वक्त हुई जब दारोगा मिथिलेश प्रजापति सिपाहियों के साथ एक मुल्जिम को लेकर कचहरी पहुंचे थे. इस दौरान घात लगाकर बैठे वकीलों ने दारोगा मिथिलेश प्रजापति पर लात घुसों से हमला कर दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए. इस दौरान बीच बचाव करते हुए मिथिलेश प्रजापति को बचाकर दीनदयाल अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत का हवाला देते हुए दारोगा को BHU ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया.
इसके बाद मौके पर कई थानों की फोर्स और खुद जिले के पुलिस आलाधिकारी ने पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया और PAC भी बुला ली गई. वकीलों से अपील की गई कि वे कचहरी परिसर खाली कर दें. देखते ही देखते तमाम वकील कचहरी छोड़कर निकलने लगे. बनारस बार और सेंट्रल बार के पदाधिकारियों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. वहीं डीआईजी शिवहरी मीणा और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने भी निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की बात कही जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई. हालांकि अभी भी कचहरी परिसर में तनाव बना हुआ है और अतिरिक्त पुलिस बल के साथ-साथ PAC भी तैनात कर दी गई है.
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