शाहजहांपुर: आवारा पशुओं से फसल की रखवाली कर रहे किसान की मौत, परिवार ने कहा -ठंड से गई जान

विनय पांडेय

• 02:31 PM • 30 Dec 2022

Shahjahanpur News: यूपी के शाहजहांपुर में फसल की रखवाली कर रहे किसान की देर शाम अचानक मौत हो जाने से हड़कंप मच गया. परिवार का…

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Shahjahanpur News: यूपी के शाहजहांपुर में फसल की रखवाली कर रहे किसान की देर शाम अचानक मौत हो जाने से हड़कंप मच गया. परिवार का कहना है कि ठंड लगने से किसान की मौत हुई है. वह खेतों पर जानवरों से फसल की रखवाली करने के लिए गए थे. वहीं प्रशासन का कहना है कि मृतक किसान पहले से बीमार चल रहा था और अज्ञात बीमारी से उसकी मौत हुई है.

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प्रशासन का कहना है कि परिवार ने मृतक किसान का पोस्टमार्टम नहीं कराया, जिससे उसकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है. फिलहाल परिवार की मदद सरकार के स्तर पर कराई जाएगी.

दरअसल, कलान तहसील के मिर्जापुर क्षेत्र के गांव मोहम्मदपुर गुलड़िया के रहने वाले 54 वर्षीय किसान सत्यपाल कुशवाह बुधवार रात अपने खेत पर गेहूं की फसल की छुट्टा जानवरों से रखवाली करने के लिए गए थे. वह रात 10 बजे घर लौट आए. इसके बाद सुबह तड़के 3:00 बजे बृहस्पतिवार के दिन कड़ाके की सर्दी में सत्यपाल फिर से छुट्टा पशुओं से फसल बचाने के लिए खेत पहुंच गए. वहीं पत्नी श्यामा देवी का कहना है कि सुबह देर तक वापस नहीं आने पर वह खेत पर देखने गई, जहां उनका शव पड़ा मिला. सत्यपाल का शरीर ठंड से अकड़ गया था जिसके बाद ग्रामीणों की मदद से सत्यपाल को सीएचसी जरीनपुर में दिखाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

इसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया. वहीं परिजनों ने इसकी सूचना एसडीएम कार्यालय को दी और ठंड से मौत हो जाने का कारण बताया. परिजन राम शंकर का कहना है कि छुट्टा पशुओं से रखवाली करने के लिए खेत पर गए थे पुलिया के पास आकर अचानक वह गिर गए और उनकी मौत हो गई.

परिवार का कहना है कि इसकी खबर लेखपाल को दी थी लेकिन कोई नहीं आया. इस मामले पर एसडीएम कलान दुर्गेश यादव का कहना है कि हमको फोन पर सूचना प्राप्त हुई थी कि किसान की ठंड से मृत्यु हुई है. इसके बाद नायब तहसीलदार ने जांच कर बताया कि मृतक किसान दो-तीन दिन से बीमार चल रहा था. अज्ञात बीमारी से इसकी मौत हुई है. क्योंकि परिवार ने पोस्टमार्टम नहीं कराया, जिसकी वजह से मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है. इसलिए तहसील कार्यालय पर कोई मदद नहीं हो सकती. फिर भी नियम अनुसार जो भी कार्रवाई होगी वह की जाएगी. हमने अपने अधीनस्थों को निर्देशित कर दिया है कि सरकारी स्तर पर इनकी जो भी संभव मदद हो वह कराई जाएगी. फिलहाल किसान सत्यपाल की मौत के बाद उसके परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. ऐसे में परिवार के मुखिया की मौत हो जाने के बाद परिवार सरकारी मदद की गुहार लगा रहा है.

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