आकाशीय बिजली की चपेट में आया बेटा तो बेबस मां ने DM मोनिका रानी से की रुला देने वाली अपील

Bahraich News: मां की ममता एक ऐसी चीज होती है, जिसकी बराबरी दुनिया की कोई चीज नहीं कर सकती. बता दें कि यूपी के बहराइच…

राम बरन चौधरी

• 03:48 AM • 25 Jun 2023

follow google news

Bahraich News: मां की ममता एक ऐसी चीज होती है, जिसकी बराबरी दुनिया की कोई चीज नहीं कर सकती. बता दें कि यूपी के बहराइच जिले से दिल पसीज देने वाला मामला सामने आया है. यहां 20 वर्षीय दलित युवक दुर्गेश की आकाशीय बिजली की घटना में जान चली गई. इसके बाद मृतक की मां के पास जिलाधिकारी मोनिका रानी का फोन पहुंचा. इस दौरान मृतक की मां ने ऐसी बात कही जिसकी अब चर्चा हो रही है.

यह भी पढ़ें...

महिला ने कहा, “साहब मेरा असली धन मेरा बेटा था, जब वह नहीं रहा तो अब किसी और धन की जरूरत नहीं. बस उसका पोस्टमॉर्टम न कराओ.” एक मां की अपने मृत बच्चे के लिए भी इन अपार ममता भरी बातों ने डीएम मोनिका रानी को निशब्द कर दिया. इसके बाद डीएम ने क्षेत्रीय एसडीएम को मृतक का पंचनामा करवाकर उनके शव उनके परिजनों को सौंपने का निर्देश दिया.

अब यहां विस्तार से जानिए पूरा मामला

आज के समय में सरकारी सहायता पाने के लिए लोगों में हर तरह के हथकंडों को अपनाने की होड़ मची है, ऐसे में बहराइच में एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली है, जिसने अनमोल रिश्तों के आगे बड़ी से बड़ी दौलत को बेकार साबित किया है. दरअसल बहराइच जिले के कतरनिया घाट वाइल्ड लाइफ अंतर्गत कोतवाली मुर्तिहा के गांव बेझा में एक ऐसी घटना घटी जिसके बाद पूरे गांव में मातम छा गया. बेझा गांव के बीस वर्षीय दुर्गेश पुत्र बुधई, अठारह वर्षीय राजेश पुत्र अमिरका और तेरह वर्षीय चंदबाबू पुत्र इस्माइल दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे अपने घर जा रहे थे. इसी बीच कड़क चमक के साथ हल्की बारिश होने लगी. ये लोग अपने घर पहुंच पाते उसके लगभग 100 मीटर पहले ही तेज कड़क के साथ चमकी आकाशीय बिजली की चपेट में आने के बाद दुर्गेश और चांदबाबू की तत्काल मौत हो गई. वहीं राजेश बुरी तरह झुलस गया.

स्थानीय लोगों की मदद से घायल राजेश को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां उसकी गंभीर हालत के चलते उसे बहराइच मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. इस घटना की सूचना जब मोतीपुर एसडीएम संजय कुमार के पास पहुंची, तो वह भी स्थानीय थाना मूर्तिहा प्रभारी शशि कुमार राणा समेत पूरे दल बल के साथ मृतक दुर्गेश के घर पहुंच गए.

मृतक दुर्गेश की मां ने कहा- नहीं कराना पोस्टमॉर्टम

घटना की जानकारी लेने के बाद उन्होंने प्राकृतिक आपदा के नियमों के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम को जरूरी बताते हुए दुर्गेश के पिता बुधई और चांदबाबू के पिता इस्माइल से उनके बच्चों का पोस्टमॉर्टम कराने की बात कही. वहीं जब यह बात पास में खड़ी दुर्गेश की मां को पता चली तो उन्होंने अपने बच्चे के पोस्टमॉर्टम के लिए साफ मना कर दिया.

डीएम बताई 4 लाख रुपये मिलने की बात

इसके बाद एसडीएम संजय कुमार ने जिले की डीएम को सारी बात से अवगत कराया और अपने मोबाइल फोन से मृतक दुर्गेश की मां की बात भी डीएम मोनिका रानी से कराई. इस पर डीएम ने उन्हें समझाते हुए कहा की पोस्टमॉर्टम के बाद उनके परिवार को प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष से चार लाख रुपये बतौर आपदा सहायता मिल जाएगी. मगर अपने मृत बच्चे के गम में पहले से बदहवास मर्री देवी के लिए पैसे नहीं उनका बेटा ही सब कुछ था.

फिर आखिर में यह हुआ

दुर्गेश की मां ने फोन पर डीएम से कहा कि जब उनका बेटा ही चला गया तो किसी और धन की उन्हें क्या जरूरत. बस उनके बेटे का पोस्टमॉर्टम न कराया जाए. तमाम मान मनौव्वल के बाद भी मृतक बच्चों के परिजन अपने बच्चों का पोस्टमॉर्टम कराने को राजी नहीं हुए, जिसके बाद डीएम के निर्देश पर वहां मौजूद एसडीएम ने दोनो शवों का पंचनामा कराकर उनके शव उनके परिजनों को सौंप दिए.

    follow whatsapp