मैं लड़की हूं... प्रयागराज में UPSC की तैयारी करने वाले 22 साल के युवक ने खुद काट लिया अपना प्राइवेट पार्ट फिर ये हुआ

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहां एक UPSC की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले एक युवक ने सर्जिकल ब्लेंड से खुद काट लिया प्राइवेट पार्ट काट दिया.

Prayagraj News

पंकज श्रीवास्तव

• 03:36 PM • 12 Sep 2025

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहां एक UPSC की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले एक युवक ने सर्जिकल ब्लेंड से खुद काट लिया प्राइवेट पार्ट काट दिया. इसके बाद कमरे में तड़प रहे युवक को मकान मालिक ने अस्पताल में भर्ती कराया.  लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने युवक को एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया. 

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फिलहाल एसआरएन अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती युवक का इलाज चल रहा है. युवक का कहना है कि वह लड़का नहीं बल्कि लड़की है. लेकिन कोई उसकी यह बात नहीं सुनता था. इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया है. युवक ने बताया कि वह जब 14 साल का हुआ तभी से उसे महसूस होने लगा कि वह एक लड़की है.  बता दें कि युवक मेरठ जिले का रहने वाला है. उसका कहना है कि वह अपने मां-बाप का इकलौता लड़का था जिसके कारण वह किसी से अपनी बात कह नहीं पाता था. युवक कुछ वक्त पहले अपनी मौसी के साथ रहता था. लेकिन बाद में यूपीएससी की तैयारी के लिए प्रयागराज आ गया और यहां एक कमरा किराए पर लेकर रहने लगा. 

यूट्यूब पर वीडियो देखकर लगा लिया इंजेक्शन

युवक ने बताया कि वह पढ़ाई के दौरान जेंडर चेंज करने के लिए यूट्यूब पर सर्च करता रहता था. युवक ने कटरा में एक झोलाछाप डॉक्टर जेनिथ से संपर्क किया. उसी के कहने पर छात्र ने एनेस्थिसिया का इंजेक्शन और सर्जिकल ब्लेड मेडिकल स्टोर से खरीद लिया. फिर अकेले अपने किराए के कमरे में इंजेक्शन लगाया जिससे उसके कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया.  इसके बाद उसने अपने हाथों से प्राइवेट पार्ट काट दिया.

जब तक एनेस्थीसिया इंजेक्शन का असर रहा तब तक वह सामान्य स्थिति में था. लेकिन एनेस्थीसिया का असर खत्म होते ही वह दर्द से तड़प उठा. लेकिन शर्म की वजह से किसी से कहना नहीं चाहता था. करीब एक घंटे तक कमरे में छात्र दर्द से तड़पता रहा. इस दौरान कमरे के फर्श पूरा ब्लड बह रहा था. दर्द की दवा खाने पर भी जब आराम नहीं मिला तब युवक ने मकान मालिक दो आवाज दी .

आनन-फानन में मकान मालिक ने एंबुलेंस बुलाई और उसे लेकर तेज बहादुर सप्रू बेली अस्पताल पहुंचे.लेकिन वहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए उसे स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. एस आर एन अस्पताल में भर्ती कर विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने इलाज में शुरू किया है. युवक का कहना है कि मुझे लड़कियों में कोई इंट्रेस्ट नहीं है. मुझे लगता है कि मेरी आवाज भी लड़कियों जैसे ही है. मेरे चलने का स्टाइल भी लड़कियों के जैसा है. 

मां के नहीं रुक रहे आंसू

छात्र का कहना है कि उसे पता नहीं था कि ऐसा करने से उसकी जान जा सकती थी. युवक का कहा है कि वह अपना जेंडर चेंज करना चाहता था. बस इसीलिए उसने यह कदम उठाया है. वहीं बेटे की हालत देखकर मां के आंसू नहीं थम रहे हैं. देखभाल के लिए मां भी अस्पताल पहुंच गई है. वॉर्ड में जो भी डॉक्टर पहुंचता है उसे देखकर मां हाथ जोड़ ले रही है. सिर्फ यही गुहार लगा रही है कि उसके इकलौते बेटे को किसी तरह से पहले की तरह कर दें. 

वहीं एसआरएन अस्पताल के मीडिया प्रभारी और वरिष्ठ सर्जन संतोष सिंह के मुताबिक 'छात्र जेंडर आईडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिस्फोरिया की बीमारी से पीड़ित है. उसने अपने हाथ से ही अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया था. जब वह अस्पताल लाया गया तो प्राइवेट पार्ट से काफी ब्लीडिंग हो रही थी.' उनके मुताबिक इस बीमारी में मरीज को लगता था कि वह लड़की है. इसलिए उसने अपनी जान जोखिम में डाल दिया. उनके मुताबिक अगर समय रहते वह अस्पताल नहीं पहुंचता तो जान भी जा सकती थी.
 

डॉक्टर ने क्या बताया

डॉ संतोष सिंह के मुताबिक छात्र की मनोचिकित्सक के जरिए भी काउंसिलिंग कराई जाएगी और उनकी राय भी ली जाएगी. उन्होंने कहा कि इस तरह का केस पहली बार आया है. डॉ संतोष सिंह के मुताबिक इस मामले में फिलहाल युवक का उपचार किया जा रहा है. उसकी काउंसलिंग की जा रही है.अगर इसके बावजूद वह जेंडर चेंज करना चाहता है तो एक साल तक इलाज और हार्मोन की दवा चलाने के बाद उसका जेंडर चेंज करने की प्रक्रिया की जा सकती है. इसके लिए सेक्स री एसाइनमेंट सर्जरी की जरूरत पड़ती है. इसके लिए मेडिकल की एक मल्टी डिसिप्लिनरी टीम होती है. इस टीम में सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, साइकैट्रिस्ट,यूरोलॉजिस्ट सभी शामिल होते हैं.

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