इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दहेज उत्पीड़न से जुड़े एक मामले में हस्तक्षेप करते हुए सास-ससुर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. प्रिया गोस्वामी नाम की एक महिला ने अपनी सास पूनम और ससुर केशव देव पर दहेज उत्पीड़न और मारपीट का आरोप लगाकर अलीगढ़ में शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि प्रिया का अपने सास ससुर से कोई नजदीकी रिश्ता नहीं था. क्योंकि वह अपने पति मोहित गोस्वामी के साथ इजराइल में रहती थी. लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही पति-पत्नी के बीच आपसी विवाद होने लगे. ऐसे में प्रिया अपने पति मोहित से अलग रहने लगी. इस दौरान प्रिया ने अपने पति पर घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया और भारत आकर सास-ससुर के खिलाफ भी दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया.
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विदेश में रह रही बहू ने अलीगढ़ में सास-ससुर पर लगाया मारपीट का आरोप
अलीगढ़ के रहने वाले मोहित गोस्वामी की शादी साल 2021 में प्रिया के साथ हुई. मोहित गोस्वामी ने IIT खड़गपुर से पीएचडी रख रखी है. ऐसे में वह प्रिया से शादी करने के बाद अमेरिका चले गए और कुछ समय बाद स्थाई रूप से इजराइल में रहने लगे. अधिवक्ता सुनील चौधरी का कहना है कि इस दौरान प्रिया के देर रात पार्टी करने को लेकर पति मोहित ने अपनी आपत्ति जाहिर की. इसके बाद दोनों के बीच आपसी विवाद होने लगे. इस दौरान प्रिया ने अपने पति पर घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराकर अलग रहना शुरू कर दिया.
जब सास-ससुर ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
इसके साथ ही प्रिया ने भारत में आकर थाना सासनी गेट अलीगढ़ में अपने पति,सास-ससुर, पति के एक अन्य दोस्त पीयूष गुप्ता के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, मारपीट गाली गलौज का एफआईआर दर्ज करा दिया. लेकिन इस मामले में नया ट्विस्ट तब आया जब प्रिया के सास-ससुर ने इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मोहित के माता-पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर बहू द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर को चुनौती दी थी. याचियों के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने अदालत में दलीलें पेश करते हुए मामले को झूठा और आधारहीन बताया. इस दौरान याचिका में कहा गया कि बहू ने जिस दिन अलीगढ़ में मारपीट की घटना बताई है उस दिन वह अपने पति के साथ राजस्थान के एक होटल में ठहरी हुई थी और घूम रही थी.
कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगा दी रोक
इस दौरान कोर्ट में ये भी बताया गया कि शादी के बाद से ही पति-पत्नी विदेश में रह रहे हैं और याचियों (सास-ससुर) से उनका कोई लेना-देना नहीं था. भारत आने के बाद बहू ने आपसी विवाद को दहेज उत्पीड़न का रूप देकर झूठा मुकदमा दर्ज कराया है. हाईकोर्ट ने परिस्थितियों को देखते हुए सास-ससुर की गिरफ्तारी पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति अजय भनोट और न्यायमूर्ति गरिमा प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले में शिकायतकर्ता बहू को नोटिस जारी कर राज्य सरकार और अन्य विपक्षियों से जवाब तलब किया है.
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