उत्तर प्रदेश के शामली में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर दीपक चौधरी उस वक्त सुर्खियों में आ गए जब उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. बुधवार को डॉक्टर चौधरी ने खुलेआम आरोप लगाया कि शामली पुलिस फर्जी एनकाउंटर करती है और फिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के लिए डॉक्टरों पर दबाव बनाती है. हालांकि इस आरोप के 24 घंटे के भीतर ही डॉ. चौधरी अपने बयान से पूरी तरह पलट गए और एक वीडियो जारी कर आरोपों से पल्ला झाड़ लिया. दूसरी ओर शामली पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए उनसे स्पष्टीकरण जारी किया है.
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डॉक्टर ने लगाया था पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलवाने का आरोप
डॉक्टर दीपक चौधरी ने बुधवार को कोतवाली शामली में किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस के पास पहुंचे थे. वह अपने कैम्प कार्यालय में हुई चोरी के एक मामले में कार्रवाई न होने से नाराज थे. इसी दौरान उन्होंने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि शामली पुलिस दबाव बनाकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलवाती है. डॉक्टर चौधरी ने एक हालिया घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि पुलिस एक ऐसे बदमाश को लाई थी जिसके शरीर पर 20 गोली के निशान थे. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट को बदलकर सिर्फ एक गोली लगने की रिपोर्ट तैयार करवाई गई थी.
24 घंटे के अंदर बयान से पलटे डॉक्टर
पुलिस पर इतने गंभीर आरोप लगाने के 24 घंटे के अंदर ही डॉक्टर दीपक चौधरी ने अपने बयान से यू-टर्न ले लिया. उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि 'किसी ने मेरी अनजाने में वीडियो बना ली है. उस वीडियो से मेरा कोई लेना-देना नहीं है.' उन्होंने यह भी कहा कि साल 2025 के किसी भी एनकाउंटर के पोस्टमार्टम पैनल में वह शामिल नहीं रहे हैं.
पुलिस ने आरोपों को बताया निराधार
शामली पुलिस ने डॉक्टर के आरोपों पर सफाई देते हुए पूरे मामले को एक चोरी की घटना से जोड़ा. पुलिस ने बताया कि डॉ. दीपक चौधरी के कैम्प कार्यालय से चोरी होने के संबंध में 21 अक्टूबर 2025 को थाना कोतवाली शामली में एफआईआर दर्ज की गई थी जिसकी जांच चल रही है. पुलिस ने बताया कि डॉक्टर चौधरी ने चोरी के लिए 3 संदिग्धों के नाम बताए थे. इन संदिग्धों में से 2 व्यक्तियों की मां सीएचसी में वॉर्ड आया है और इन तीनों का (नीशू उर्फ निशांत, सौरभ उर्फ मोंटी व सलमान) का डॉ. दीपक के साथ उठना-बैठना रहा है. हालांकि संदिग्धों से पूछताछ में अभी तक चोरी की पुष्टि नहीं हुई है.
एनकाउंटर पर पुलिस का स्पष्टीकरण
एनकाउंटर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलवाने के आरोपों पर शामली पुलिस ने बताया कि साल 2025 के दौरान पुलिस कार्रवाई में मृत अपराधियों के पोस्टमार्टम में डॉ. दीपक चौधरी किसी भी पैनल में सम्मिलित नहीं रहे हैं. पुलिस ने ये भी कहा कि पुलिस कार्रवाई में मृत अपराधी का पोस्टमार्टम माननीय उच्चतम न्यायालय एवं मानवाधिकार आयोग के निर्देशों के अनुरूप, वीडियोग्राफी और डॉक्टरों के पैनल से कराया जाता है. पुलिस ने डॉ. दीपक के आरोपों को प्रमाणिक तथ्यों पर आधारित नहीं बताया.
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