उत्तर प्रदेश के इटावा से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. आरोप है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय में में ड्यूटी कर रहे डॉ. राहुल बाबू और एक फार्मासिस्ट के साथ गुंडागर्दी की गई. देर रात जब डॉक्टर इमरजेंसी वॉर्ड में ड्यूटी कर रहे थे उस वक्त कुछ पुलिसकर्मी अपने परिजन के बीमार होने की बात कहकर उन्हें जबरन गाड़ी में बिठाकर ले गए. ऐसे में नाराज मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है. इससे अस्पताल की सभी मेडिकल सेवाएं बाधित हो गई हैं.
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डॉक्टर को जबरन गाड़ी में भरकर ले गए
डॉक्टरों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ. राहुल बाबू और एक फार्मासिस्ट के साथ अभद्रता की और उन्हें जबरन गाड़ी में बिठाकर ले गए. मेडिकल स्टाफ ने इसे गुंडागर्दी बताते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि जब तक कार्रवाई नहीं होती है तब तक वो काम पर वापस नहीं लौटेंगे.
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इटावा के सीएमओ डॉ. बी.के. सिंह ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि डॉक्टर और फार्मासिस्ट को जबरन ले जाया गया और उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया. उन्होंने कहा कि यह एक अपराध है क्योंकि इससे सरकारी काम में बाधा पहुंची है. उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने डॉक्टरों से हड़ताल खत्म कर जनता की सेवा जारी रखने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि 'इमरजेंसी में मरीज का एक-एक मिनट कीमती होता है और ऐसे में किसी को जबरन ले जाना एक गंभीर अपराध है.'
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