गाजीपुर में पुलिस की पिटाई से BJP कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की मौत के बाद अखिलेश ने कर दिया तीखा कमेंट

गाजीपुर नोनहरा पुलिस द्वारा लाठीचार्ज में भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की मौत का मामला सुर्खियों में बना हुआ है. इस मामले को लेकर अब राजनीतिक पार्टियां भी सामने आ चुकी हैं.

Akhilesh Yadav

गाजीपुर नोनहरा पुलिस द्वारा लाठीचार्ज में भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की मौत का मामला सुर्खियों में बना हुआ है. इस मामले को लेकर अब राजनीतिक पार्टियां भी सामने आ चुकी हैं. इसे लेकर जहां एक ओर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, सिताराम उपाध्याय के घर वालों से मिलने जा रहे तो वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव भी इसे लेकर एक्टिव हो गए हैं.सियाराम उपाध्याय की मौत के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी को घेरने की कोशिश की.अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'आपसी और अंदरूनी लड़ाई का खामियाजा कोई भी क्यों भुगते.'

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अखिलेश ने किया पोस्ट

अब तक उप्र भाजपा सरकार की पुलिस ‘हिरासत में मौत’ का जो रिकॉर्ड-पर-रिकॉर्ड बना रही थी, अब उसका शिकार सत्ताधारी दल के अपने लोग भी होने शुरू हो गये हैं. अब जब अपने लोग मारे गये तो भाजपाइयों को इतने सालों से मारे जा रहे लोगों का दर्द समझ आया है. हर मृतक किसी भी दल से पहले देश का नागरिक है और एक मानव भी, ऐसी हर मौत के लिए पुलिस की घोर निंदा करनी चाहिए और उससे भी ज़्यादा उन लोगों की जिन्होंने ऐसे कुकृत्यों को बढ़ावा दिया है. सवाल ये भी है कि उप्र की पुलिस को भाजपा और उनके संगी-साथियों व अन्य आनुषंगिक संगठनों पर प्रहार करने के पीछे कौन है. आपसी और अंदरूनी लड़ाई का खामियाजा कोई भी क्यों भुगते.

क्या है मामला?

बता दें कि गाजीपुर के नोनहरा थाना क्षेत्र के गठिया गांव निवासी ओंकार राय और अरविंद राय के बीच बिजली के खंभे को लेकर विवाद चल रहा था. ओंकार राय अपने ट्यूबवेल पर कनेक्शन के लिए अरविंद राय के खेत से बिजली का पोल ले जा रहे थे, जिसका अरविंद राय विरोध कर रहे थे. उनका कहना था कि वे अपने खेत से पोल लेकर जा सकते हैं लेकिन ओंकार राय ऐसा नहीं कर रहे थे. अरविंद राय के समर्थन में शेरपुर गांव निवासी भाजपा नेता राजेश राय बागी, विपुल मिश्रा समेत 20 समर्थकों के साथ नोनहरा  थाने पर पहुंच गए और पुलिस से बात करना चाहे. लेकिन जब बात नहीं बनी तो वे लोग धरने पर बैठ गए. आरोप है कि पुलिस ने देर रात बिजली बंद कर लाठी चार्ज कर दिया, जिसमें कई लोग बुरी तरह से घायल हो गए.

पुलिस ने दोनों पक्षों से कई लोगों को थाने पर बैठाया और बाद में सभी को छोड़ दिया. पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में थाने पर दोनों पक्षों की पंचायत काफी देर तक चली. लेकिन उसके बाद बात नहीं बनी और आरोप है कि थानाध्यक्ष ने सबको वाहन से जाने को कह दिया. इस पर ये लोग थाने के बाहर धरने पर बैठ गए जिसके बाद पुलिस ने लाइट बंद करके सभी पर लाठीचार्ज कर दिया. इस लाठीचार्ज में घायल सीताराम उपाध्याय की मौत हो गई जिससे इलाके में तनाव व्याप्त है. भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं और मुआवजे की मांग की है. इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है.

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