उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां इटावा स्टेशन से जीआरपी ने कालका एक्सप्रेस के इंजन से एक फर्जी लोको पायलट को गिरफ्तार किया है. यह फर्जी युवक लोको पायलट बनकर पिछले दो साल से नकली वर्दी और फर्जी दस्तावेजों के साथ ट्रेनों में यात्रा कर रहा था. लेकिन इसका खुलासा तब हुआ जब असली चालक राजेंद्र कुमार को इसपर शक हुआ. आरोपी युवक की पहचान फिरोजाबाद निवासी आकाश कुमार के रूप में हुई है. आरोप है कि पकड़ा गया फर्जी लोको पायलट नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी भी करता था.
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कैसे खुली फर्जी लोको पायलट बने आकाश की पोल
यह घटना उस समय सामने आई जब कालका एक्सप्रेस दिल्ली की ओर जा रही थी. ट्रेन के असली चालक राजेंद्र कुमार को अपने इंजन में बैठे एक व्यक्ति पर शक हुआ. उन्होंने तत्काल इसकी सूचना टूंडला हेडक्वार्टर को दी. सूचना मिलते ही ट्रेन को इटावा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर रोका गया. यहां जीआरपी की टीम ने पहुंचकर फर्जी ड्राइवर आकाश कुमार को इंजन से नीचे उतारा.
फर्जी दस्तावेज और यूनिफॉर्म
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला कि फिरोजाबाद के कौसल्या नगर का रहने वाला आकाश कुमार केवल हाई स्कूल तक पढ़ा है. पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह अपने रिश्तेदारों में रौब झाड़ने और ट्रेन का किराया बचाने के लिए पिछले दो वर्षों से फर्जी लोको पायलट बनकर ट्रेनों में सफर कर रहा था. आकाश ने पूरी तरह से लोको पायलट वाली वर्दी पहन रखी थी. उसके पास से आई-कार्ड, नेम प्लेट, लाल और हरी झंडियों के साथ-साथ एक फर्जी लॉग बुक भी बरामद हुई है. पुलिस के अनुसार वह यह सभी फर्जी दस्तावेज अपने एक लोको पायलट दोस्त को देखकर बनवाए थे.
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि फर्जी लोको पायलट बनकर आकाश कुमार लोगों को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे ठगी भी करता था. क्षेत्राधिकारी सदर अशोक कुमार सिंह ने बताया कि यह मामला काफी गंभीर है. पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि कहीं यह युवक किसी बड़े गिरोह का मोहरा तो नहीं है क्योंकि फर्जी दस्तावेजों पर यात्रा करना यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो सकता था. पुलिस ने आकाश कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
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