लखनऊ में चिनहट थाना क्षेत्र के भरवारा गांव में रहने वाली 36 की अनामिका सिंह अपने घर में 2 साल की बेटी के साथ आराम कर रहीं थीं. तभी चोरी के इरादे से दो लोग उनके घर में घुस आए. लेकिन जब वे लूट की वारदात को अंजाम देने में असफल रहे तो आरोपियों ने गुस्से में आकर अनामिका को 34 बार चाकू से हमला कर दिया. इस हमले से बुरी तरह घायल हुई अनामिका की मौके पर ही मौत हो गई. सबसे खौफनाक बात ये रही कि आरोपियों ने अनामिका की 2 साल की बेटी के सामने ही उन्हें चाकू मारा. जब इसकी शिकायत अमानिका के पति आदर्श ने पुलिस से की इसके पीछे का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि उनका किराएदार अर्जुन सोनी निकला. इस हत्या में शामिल आरोपी अर्जुन सोनी और वीरेंद्र कुमार यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
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फर्जी जियो एजेंट बनकर दिया गया वारदात को अंजाम
अनामिका के पति आदर्श कुमार की शिकायत पर पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो साजिश की परतें खुलीं. पुलिस ने पाया कि इस खूनी खेल का मास्टरमाइंड आदर्श कुमार का किराएदार अर्जुन सोनी था जिसने लूट की योजना अपने दोस्त वीरेंद्र कुमार यादव के साथ मिलकर बनाई थी.
लूट को अंजाम देने के लिए अर्जुन और वीरेंद्र ने शातिर तरीका अपनाया था. वीरेंद्र यादव, फर्जी जियो फाइबर एजेंट बनकर घर में घुसा. दो दिन पहले इंटरनेट खराब होने की शिकायत की गई थी जिसका फायदा वीरेंद्र ने उठाया. 19 मई को अनामिका पति आदर्श के ऑफिस जाते ही दोपहर 1:40 बजे के करीब वीरेंद्र अनामिका के घर में घुस गया. जब अनामिका ने विरोध किया और लूट में असफल रहे तो दोनों ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए अनामिका को चाकू से 34 बार गोदा और मौके से फरार हो गए.
सीसीटीवी और CDR से साबित हुई साजिश
तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक आलोक राव ने बताया कि पुलिस को मौके से एक काली मंकी कैप और 'JIO BIJAY BIKASH' लिखा फर्जी परिचय पत्र मिला जो वीरेंद्र यादव का था. बाद में वीरेंद्र की निशानदेही पर इंदिरा डैम के पास से खून लगा धारदार चाकू भी बरामद किया गया. कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और सीसीटीवी फुटेज जैसे तकनीकी और फॉरेंसिक सबूतों ने साबित कर दिया कि अर्जुन सोनी और वीरेंद्र घटना के समय घटनास्थल पर मौजूद थे और उन्होंने मिलकर इस दोहरे अपराध को अंजाम दिया.
न्यायालय ने सुनाया आजीवन कारावास
इस अपराध पर सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री नीरज बारनवाल की अदालत ने 3 नवंबर 2025 को फैसला सुनाया. अदालत ने दोनों अभियुक्तों वीरेंद्र कुमार यादव और अर्जुन सोनी को हत्या जैसी गंभीर धाराओं में दोषी ठहराया. न्यायालय ने दोनों को आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई.
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