Subhanshu Shukla Axiom-4 Mission News: भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक होने वाला है. बता दें कि भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला एक्जिओम मिशन 4 के तहत आज, 25 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हो रहे हैं. उनके साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट भी इस मिशन पर जाएंगे. मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय बनने जा रहे हैं. इस गौरवपूर्ण क्षण का इंतजार उनके परिवार को बेसब्री से है, जो अब खत्म हो रहा है.
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बचपन से था कुछ बड़ा करने का जुनून: पड़ोसी और पिता
शुभांशु के पूरे परिवार ने इस खास मौके पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं. उनके पड़ोसी बीडी मिश्रा ने बताया कि उन्होंने शुभांशु को बचपन से देखा है और उनमें हमेशा से ही कुछ बड़ा कर दिखाने का जुनून था. शुभांशु के पिता शंभू शुक्ला ने कहा, "हम हमेशा से यह चाहते थे कि उसका भविष्य बेहतर हो और वह हमसे आगे जाए. जब उसने इस लाइन में जाने का चुनाव किया तो हमने फिर मना भी नहीं किया. वह हर जगह सफल रहा." उन्होंने यह भी बताया कि शुभांशु यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, लेकिन इंटर से पहले ही उनका एनडीए एग्जाम क्लियर हो गया. देश के लिए कुछ करने का जज़्बा उनमें शुरुआत से ही था.
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया 'हीरा', आत्मविश्वास से भरे शुभांशु
शंभू शुक्ला ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ शुभांशु की एक तस्वीर दिखाते हुए बताया कि यह अवसर त्रिवेंद्रम में आया था, उसी दिन प्रधानमंत्री द्वारा एस्ट्रोनॉट के नाम का ऐलान किया गया था. उन्होंने गर्व से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु को और उनके पूरे परिवार को बधाई दी थी और कहा था कि "आपका बच्चा हीरा है."
शुभांशु से हुई हालिया बातचीत का जिक्र करते हुए उनके पिता ने बताया कि शुभांशु ने कहा है कि "मुझे पूरा आत्मविश्वास है कि मिशन पूर्ण होगा. कोई किसी प्रकार का डर नहीं है." परिवार ने बताया कि शुभांशु उन्हें हमेशा बताता है कि वह कितना "होशियार हो गया है." वह बहुत कूल माइंडेड रहते हैं और टेंशन नहीं लेते. परिवार इस खुशी को एक बड़े फंक्शन के साथ मनाना चाहता है, जब शुभांशु वापस आएंगे तो सभी सदस्य एक साथ होंगे और एंजॉय करेंगे. घर के बाहर लगे पोस्टर और बच्चों द्वारा सेल्फी लेने पर उन्होंने खुशी व्यक्त की और कहा, "बहुत अच्छा लगता है बच्चे शुभांशु से मिलना चाहते हैं, हमारे बच्चे के साथ उनका आकर्षण है, यह अच्छी बात है. पिछली बार जब आया था तो लोग उसके साथ सेल्फी ले रहे थे."
मां की ममता और बहनों का प्यार: 'वह मेरा बच्चा ही है'
शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, "हमारे लिए वह आज भी बच्चा ही है, जैसा बचपन में था वैसा ही आज भी है." उन्होंने बताया कि कल शाम को ही उनकी शुभांशु से बात हुई थी. शुभांशु ने उनसे कहा, "मम्मी हम ठीक हैं, हमको मजा आ रहा है इस स्पेस में जाने के लिए मैं बहुत उत्साहित हूं."
उन्होंने बताया कि शुभांशु साल में एक बार लखनऊ जरूर आते हैं और लगभग एक महीना उनके पास रुकते हैं और उन्हें घुमाते हैं. खाने के बारे में मां ने बताया कि शुभांशु को सब पसंद है, लेकिन पिछले 5-6 साल से वह घर का खाना नहीं खाते हैं, उन्हें वही खाना दिया जाता है जो एस्ट्रोनॉट खाते हैं. उन्होंने मीठा और घर का खाना कई सालों से छोड़ा हुआ है. मां ने अपने बेटे के लिए आशीर्वाद देते हुए कहा, "खुश रहो, आशीर्वाद है, नई ऊंचाइयों पर जो अपना मिशन पूरा कर हम लोगों से मिलो आकर."
शुभांशु की बहन शुचि मिश्रा ने बताया, "हम तीन भाई-बहन हैं, शुभांशु सबसे छोटे हैं और हम दोनों बड़ी बहनें हैं." उन्होंने मजाक में कहा कि शुभांशु ही बताएगा कि उन्होंने उसे बचपन में परेशान किया है या नहीं. दूसरी बहन निधि मिश्रा ने कहा, "हमने भाई को परेशान तो नहीं किया है लेकिन हम तीनों ने बहुत शरारती हरकतें की हैं, जिन्हें ऑन कैमरा बिल्कुल भी नहीं बता सकते." उन्होंने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "यह जो खुशी मिली है यह अपने आप में अद्भुत है, यह रोजमर्रा की खुशी नहीं है."
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