Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आनंद आश्रम में साध्वी गुरु मां आशुतोषाम्वरी ने 28 जनवरी 2024 को समाधि लेकर पूरे देश में सनसनी फैला दी है. समाधि से ठीक पहले उन्होंने अपने शिष्यों के लिए एक वीडियो बनाकर संदेश दिया था कि वह अपने गुरु ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज को उनके शरीर में वापस लाने के लिए समाधि ले रही हैं. समाधि के इन खबरों के बीच यूपीतक ने समाधि स्थल पर पहुंचकर इसकी पड़ताल की. वहीं जब इस संबंध में जब उनके शिष्यों से बातचीत की तो महामंडलेश्वर और बाबा महादेव ने बड़ा आरोप लगाया.
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फ्रीजर में रखा है शरीर
महामंडलेश्वर और बाबा महादेव ने यूपीतक से बात करते हुए बताया कि दिव्य ज्योति जागृत संस्थान वालों ने आशुतोष महाराज के शरीर को डीप फ्रीजर में कैद करके रखा है, ताकि वे समाधि से कभी वापस ही न आ सकें. इसलिए आशुतोष महाराज ने अपनी शिष्या आशुतोषांबरी (Ashutoshambari) को आंतरिक संदेश भेजा और कहा कि वह उन्हें समाधि से वापस ले आएं, क्योंकि इन लोगों ने डीप फ्रिजर में कैद करके रखा हुआ है, इसलिए मैं वापस नहीं पा रहा हूं.
वापस लाने के लिए शिष्या ने भी ली समाधि
महादेव बाबा ने कहा कि किसी को आज तक डीप फ्रीजर में समाधि की स्थिति में रखा गया है? यहां डॉ. स्वामी हरिदास आनंद भी हैं, जो खुद को इंग्लैंड का निवासी बताते हैं, उनका कहना है कि वे एक साल पहले आशुतोष महाराज की शिष्या आशुतोषांबरी के दर्शन के लिए लखनऊ आए थे. दर्शन के बाद इंग्लैंड गए, उसके बाद फिर आ गए. यहां आकर आशुतोषांबरी की सेवा और आश्रम कार्य में जुट गए.डॉक्टर स्वामी हरिदास आनंद का कहना है कि वे पंजाब के जालंधर के रहने वाले हैं. उनकी दोनों बहनें और माता पिता भी सेवा कार्य में हैं. उन्होंने इंग्लैंड से PHD की है.
आश्राम के लोगों ने लगाए ये आरोप
वहीं शिष्य ब्रह्मर्षि जमदग्नि ने बताया कि उनकी गुरु मां आशुतोषांबरी ने सभी शिष्यों को बताकर विगत 28 जनवरी को सभी के सामने समाधि ली, ताकि वे गुरु आशुतोष महाराज को समाधि से जगाकर वापस भौतिक शरीर में वापस लाकर उनकी चेतना जागृत करा सकें. आशुतोष महाराज पिछले 10 वर्षों से समाधि में हैं.
आश्रम के शिष्यों का दावा है कि उनकी गुरु मां समाधि में चली गई हैं और जल्द ही वे समाधि से आएंगी, ताकि वे आशुतोष महाराज को वापस ला सकें. आश्रम के ऊपर जिस कमरे में आशुतोषांबरी ने समाधि ली है, वहां तक जाने की मनाही है. यहां दर्शन के लिए जाने दिया गया, लेकिन उससे पहले मोबाइल, पेन व बैग सब जमा करा लिया गया और मेटल डिटेक्टर से स्कैनिंग की गई. जब खिड़की से देखा तो कंबल के अंदर लेटी हुई थीं, मुंह ढंका हुआ था. समाधि की सत्यता क्या है? या तो आशुतोषामबरी जानती हैं या उनके इर्द गिर्द मौजूद सेवादार लोग.
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