Lucknow Development News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने के लिए अब एक और बड़ी पहल होने जा रही है. आउटर रिंग रोड के बाद अब शहर के चारों तरफ सिर्फ भारी वाहनों के लिए स्टेट कैपिटल रिंग रोड बनाने की तैयारी शुरू हो गई है.स्टेट कैपिटल रिंग रोड करीब 145 किलोमीटर लंबी होगी और इस पर सिर्फ माल वाहक व भारी वाहन ही चल सकेंगे.
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किसने की यह पहल
रक्षा मंत्री और लखनऊ सांसद राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने इस परियोजना को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि संबंधित विभाग संयुक्त सर्वे कर जमीन चिन्हित करें और निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करें.
जमीन की जांच शुरू, अब मंजूरी की तैयारी
इस पत्र के बाद एलडीए और आवास विकास परिषद ने मिलकर सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. प्रस्ताव तैयार होते ही उसे सांसद राजनाथ सिंह को भेजा जाएगा उसके बाद परियोजना को मंजूरी के लिए आगे बढ़ाया जाएगा.
भारी वाहनों के लिए अलग रास्ता, शहर को जाम और प्रदूषण से राहत
स्टेट कैपिटल रिंग रोड खास तौर पर ट्रक, ट्रेलर, कंटेनर जैसे भारी वाहनों के लिए बनाई जाएगी. दो पहिया और अन्य हल्के वाहनों के लिए इस पर अनुमति नहीं होगी. इससे लखनऊ शहर के भीतर ट्रैफिक का बोझ कम होगा और सड़क दुर्घटनाओं की आशंका भी घटेगी.
स्टेट कैपिटल रिंग रोड को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि यह किसान पथ, आगरा एक्सप्रेसवे समेत एससीआर क्षेत्र के सभी हाईवे और एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ रहे. इस कनेक्टिविटी के जरिए सुल्तानपुर, अयोध्या, वाराणसी, कानपुर और हरदोई जैसे जिलों से आने वाले भारी वाहन शहर में प्रवेश किए बिना बाहर से निकल जाएंगे.
इस स्टेट कैपिटल रिंग रोड पर रोजाना 50 हजार से 80 हजार तक भारी वाहन इस रूट से गुजरेंगे जिससे शहर के अंदर ट्रैफिक का दबाव कम होगा. भारी वाहनों के शहर से बाहर निकलने से ध्वनि और वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी. एससीआर के तहत लखनऊ को एक स्मार्ट ट्रैफिक मॉडल की दिशा में आगे ले जाने में मदद मिलेगी.
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