अगर आप मार्केट का भुना चना खाते हैं तो सावधान हो जाइए. इसे खाने से आपकी जान जा सकती है! गोरखपुर खाद्य विभाग ने सिंथेटिक युक्त 750 बोरी भुना चना बरामद किया है, जिसे किसी भी हालत में खाया नहीं जा सकता है. इसे खाने से लिवर और किडनी डैमेज होती है. साथ ही कैंसर का भी खतरा रहता है. गोरखपुर के खाद्य विभाग ने केमिकल वाले चने को बरामद कर उसे सीज कर दिया है. साथ ही इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है. सहायक खाद आयुक्त सुधीर सिंह ने कहा कि इसे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से लाया गया था. नेटवर्क को खंगाल जा रहा है. जो इसे बेचते हुआ पाया गया उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा.
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गोरखपुर खाद्य विभाग को सोमवार को सूचना मिली कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से भुना चना दो गाड़ी से राजघाट थाना क्षेत्र के लालडिग्गी में 'मेसर्स मां तारा ट्रेडर्स' पर आया है. सूचना के बाद खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारकर 750 बोरा भुना चना बरामद किया. उसके नमूने लेकर जांच कराई गई तो उसमें सिंथेटिक एलो डाई मिली. सिंथेटिक एलो डाई खाने के लिए नहीं होती है. ये कपड़े रंगने और कागज को पीला रंग देने में प्रयोग होती है. यह बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक होती है. यह डाई खाने के बाद कैंसर करने की रखती है. इससे लिवर और किडनी भी डेमेज होती है.
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सहायक आयुक्त खाद्य सुधीर सिंह ने कहा, "भुना चना ज्यादातर लोगों के द्वारा खाया जाता है. यह स्वास्थ्य वर्धक भी माना जाता है. लेकिन पकड़ा गया चना पीले कलर का दिख रहा है. इसमें सिंथेटिक डाई का प्रयोग किया गया है. चने में भारी मात्रा में रसायन का प्रयोग किया गया है. यह काफी हानिकारक है."
सहायक खाद्य आयुक्त ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से ये चना आता है क्योंकि वहां उत्पादन ज्यादा होता है. वहां से इसकी सप्लाई गोरखपुर आती है. गोरखपुर से इसे देवरिया, बस्ती, आजमगढ़, मऊ, सिद्धार्थ नगर तक भेजा जाता है. सुधीर सिंह ने आगे
कहा कि निश्चित जो लोग इसको भेजते हुए पाए जाएंगे उनकी सप्लाई बंद कर दी जाएगी. उनका लाइसेंस कैंसल कर दिया जाएगा. उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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