गौतमबुद्ध नगर जिला अदालत ने एक नाबालिग बच्ची से रेप के मामले में दोषी पाए गए आरोपी जुगनू उर्फ अली उल्लाह को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अगर जुर्माना नहीं दिया गया, तो आरोपी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
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यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) विकास नागर की अदालत ने सुनाया. विशेष लोक अभियोजक जेपी भाटी ने बताया कि यह मामला वर्ष 2020 का है, जब नोएडा के फेज-3 थाने में 12 वर्षीय बच्ची के परिवार ने शिकायत दर्ज कराई थी.
क्या था पूरा मामला?
पीड़ित परिवार ने शिकायत में बताया था कि उनका पड़ोसी जुगनू, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के गंगोली गांव का निवासी है, उनकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था और उसके साथ रेप किया. पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए बच्ची को सकुशल बरामद किया और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
कड़ी सुनवाई के बाद सजा
पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर मामला अदालत में प्रस्तुत किया. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी जुगनू को दोषी करार दिया और उसे 20 वर्षों के कठोर कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा उस पर 60 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया.
अदालत का सख्त रुख
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बच्चों के खिलाफ ऐसे अपराधों में किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जा सकती. यह फैसला समाज को सख्त संदेश देता है कि मासूमों के साथ अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. यह पूरा मामला यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गए पॉक्सो एक्ट के तहत सुना गया, जो नाबालिगों के खिलाफ होने वाले गंभीर अपराधों में सख्त सजा का प्रावधान करता है.
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