Noida Crime News: अब तक आपने पिज्जा, खाना या जरूरी सामान की ऑनलाइन डिलीवरी देखी होगी. मगर नोएडा पुलिस ने एक ऐसे ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया है जो ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह पैकिंग और फर्जी रसीद का इस्तेमाल करके सीधे डिलीवरी ऐप्स के माध्यम से गांजा सप्लाई कर रहा था. थाना सेक्टर-113 पुलिस ने इस हाई-टेक गिरोह के मास्टरमाइंड योगेंद्र प्रताप सिंह (जो पहले एक निजी कंपनी में काम करता था) समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
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कॉलेज और कॉर्पोरेट ऑफिसों के आसपास नशा करने वालों को निशाना बनाकर यह गिरोह 10 किलो 100 ग्राम (ओजी, मैंगो, शिलोंग आदि क्वालिटी) गांजा NCR के कई इलाकों में भेज रहा था. आरोपी डिलीवरी राइडर्स का इस्तेमाल करते थे ताकि असली सप्लायर पकड़े न जाएं. आखिर कैसे काम करता था यह शातिर नेटवर्क और कैसे पुलिस ने किया इसका खुलासा? खबर में आगे विस्तार से जानिए.
इस तरह बेचा जाता था गांजा
पुलिस के मुताबिक, आरोपी कॉलेजों और कॉर्पोरेट ऑफिसों के आसपास छुट्टी या लंच टाइम में पहुंचते और लोगों से संपर्क कर ऑनलाइन माध्यम से गांजा उपलब्ध कराने का ऑफर देते थे. फिर ये ग्राहकों को अपना मोबाइल नंबर दे देते थे. इसके बाद ऐप के जरिए लोकेशन और ऑर्डर लिया जाता था. भुगतान भी ऑनलाइन ही लिया जाता था.
पैकिंग कर चकमा देने की रहती थी कोशिश
आरोपी नामी ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह दिखने वाली पैकिंग पॉलीथीन और फर्जी ऑर्डर रसीद लगाकर गांजा पैक करते थे. इसके बाद डिलीवरी ऐप के जरिए निर्धारित लोकेशन पर सामग्री भिजवा देते थे. ताकि अगर रास्ते में पकड़ा जाए तो केवल राइडर फंस जाए और असली सप्लायर बच निकलें. ये गिरोह NCR के कई इलाकों में सप्लाई कर रहा था.
डीसीपी (नोएडा) यमुना प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि इस गिरोह का मुख्य आरोपी योगेंद्र प्रताप सिंह पहले नोएडा की एक निजी कंपनी में काम करता था. कंपनी ने कुछ लोग नशा करते थे, जिसके बाद उसने खुद गांजा उपलब्ध कराने का काम शुरू कर दिया और धीरे-धीरे NCR में इसकी सप्लाई बढ़ाने लगा. फिलहाल अब पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और इनसे जुड़े अन्य लोगों तलाश के जुट गई है.
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