CM Yogi News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विस्तृत दौरा कर निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. इसके बाद उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक भी की.
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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के अनुसार, मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट पर बन रहे डोमेस्टिक टर्मिनल, उद्घाटन के लिए प्रस्तावित जगह, सुरक्षा प्रबंधन प्रणालियों, यातायात व्यवस्थाओं और अन्य निर्माण गतिविधियों का जायजा लिया. निरीक्षण के बाद हुई बैठक में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए, सीआईएसएफ, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एनआईएएल और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
अभी तक एयरोड्रम लाइसेंस न मिलने पर सीएम ने ये कहा
मीटिंग में मौजूद एक अधिकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पाया कि एयरपोर्ट को अभी तक एयरोड्रम लाइसेंस नहीं मिला है. उन्होंने अधिकारियों को तुरंत सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने और सभी बाकी बचे अनुपालन कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया.
एयरोड्रम लाइसेंस क्या होता है?
एयरोड्रम लाइसेंस एक कानूनी अनुमति होती है जो विमानों के संचालन के लिए किसी भी हवाई अड्डे या हवाई पट्टी को अनिवार्य रूप से प्राप्त करनी पड़ती है. इसे हिंदी में अक्सर हवाई अड्डा लाइसेंस कहा जाता है. यह लाइसेंस किसी भी हवाई अड्डे के सुरक्षित और व्यवस्थित संचालन के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र होता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट राज्य की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. सुरक्षा और परिचालन संबंधी सभी जरूरी काम को उच्चतम गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए. उन्होंने जोर दिया कि यह परियोजना यूपी के विकास और वैश्विक निवेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. मालूम हो कि यह एक महीने में दूसरी बार है जब मुख्यमंत्री ने इस परियोजना की समीक्षा की है.
क्या है नोएडा एयरपोर्ट की खासियत?
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की सहायक कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर बनाया जा रहा है. पहले चरण में यह लगभग 1300 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करेगा जिसमें एक रनवे और एक टर्मिनल बिल्डिंग शामिल होगी. चार चरणों में पूरा होने पर, यह लगभग 5,000 हेक्टेयर में फैला भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा.
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