Ram Mandir: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में किस शास्त्रीय पद्धति और परपंरा का किया जाएगा पालन?

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर है. इस बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा किस शास्त्रीय पद्धति और परपंरा से की जाएगी, इसकी जानकारी सामने आई है.

यूपी तक

• 03:37 PM • 15 Jan 2024

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अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समारोह में शिरकत करेंगे. इस बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा किस शास्त्रीय पद्धति और परपंरा से की जाएगी, इसकी जानकारी सामने आई है.

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श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व शुभ संस्कारों का प्रारंभ कल अर्थात 16 जनवरी 2024 से होगा, जो 21 जनवरी, 2024 तक चलेगा.

द्वादश अधिवास निम्नानुसार आयोजित होंगे:-

-16 जनवरी: प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन
-17 जनवरी: मूर्ति का परिसर प्रवेश
-18 जनवरी (सायं): तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास
-19 जनवरी (प्रातः): औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास
-19 जनवरी (सायं): धान्याधिवास
-20 जनवरी (प्रातः): शर्कराधिवास, फलाधिवास
-20 जनवरी (सायं): पुष्पाधिवास
-21 जनवरी (प्रातः): मध्याधिवास
-21 जनवरी (सायं): शय्याधिवास

अधिवास प्रक्रिया एवं आचार्य

सामान्यत: प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सात अधिवास होते हैं और न्यूनतम तीन अधिवास अभ्यास में होते हैं. समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे. श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे और काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे.

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