यूपी की 80 सीटों का लेटेस्ट सर्वे : लोकसभा चुनाव से पहले सपा-कांग्रेस के लिए आई गुड न्यूज

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11 Apr 2024 (अपडेटेड: 11 Apr 2024, 09:21 PM)

लोकसभा चुनावों का वक्त तेजी से करीब आ रहा है और जनता के मन में भी तमाम तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं.

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Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनावों का वक्त तेजी से करीब आ रहा है और जनता के मन में भी तमाम तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं. मसलन, क्या बीजेपी इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तय किए गए 400 सीटों के लक्ष्य को प्राप्त कर पाएगी? क्या उत्तर प्रदेश के सभी सीटों पर अपना परचम लहरा पाएगी. भाजपा नेताओं ने उत्तर प्रदेश के सभी 80 सीटों को जीतने का दावा कर रहे हैं. पर अप्रैल में जिस तरह उत्तर प्रदेश की राजनीति बदल रही है वो अलग कहानी कह रही है. हालिया सर्वे में भी इसकी कहानी कह रहे हैं.

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बढ़ गया सपा-कांग्रेस का ग्राफ

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर एक ताजा सर्वे सामने आया है. एबीपी न्यूज और सी वोटर के सामने आए सर्वे के अनुसार, अगर आज यूपी में चुनाव हुए तो NDA को 52%, इंडिया ब्लॉक को 40% और बसपा को 6% वोट मिल सकते हैं. वहीं, अन्य के खाते में 2% वोट जाने की संभावना है. एबीपी न्यूज और सी वोटर के सर्वे से यह भी पता चला है कि बीते एक हफ्ते के भीतर इंडिया गठबंधन की यूपी में सियासी तस्वीर बदली है. सर्वे के अनुसार, एक अप्रैल को NDA को 52%, इंडिया ब्लॉक को 36% और बसपा को 7% वोट मिलने का अनुमान था. मगर 8 अप्रैल तक स्थिति बदली और अब NDA को 52% इंडिया ब्लॉक को 40% और बसपा को 6% वोट मिलने का अनुमान है. इसका मतलब साफ है कि इंडिया गठबंधन को 4% वोट का इजाफा हुआ है.

यूपी में तीन गठबंधन के बीच लड़ाई

आपको बता दें कि यूपी में तीन गठबंधन चुनावी मैदान में हैं. इंडिया, एनडीए के अलावा पीडीएम न्याय मोर्चा भी चुनाव लड़ रहा है. इंडिया गठबंधन में  समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस शामिल है तो वहीं भाजपा के साथ जयंत चौधरी की लोकदल, ओपीराजभर के साथ-साथ अनुप्रिया पटेल की अपना दल (सोनेलाल) है. वहीं तीसरे मोर्चे यानी पीडीएम न्याय मोर्चा की बात करें तो उसमें पल्लवी पटेल और औवैसी की AIMIM शामिल हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने ऐलान किया है कि वह आगामी चुनाव किसी के साथ नहीं बल्कि अकेले लड़ेंगी.

2019 में क्या था तस्वीर?

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन के सभी अंकगणित को गलत साबित हुए थे. तब भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने गठबंधन सहयोगियों को ध्वस्त करते हुए 80 लोकसभा सीटों में से 64 सीटें जीती थीं. वहीं, सपा को 5 और बसपा को 15 सीटें मिली थीं. कांग्रेस ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में सोनिया गांधी की एकमात्र रायबरेली सीट जीती थी.
 

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