12वीं की परीक्षा के बाद UP बोर्ड के छात्र कृषि क्षेत्र में बना सकते हैं करियर, करना होगा ये काम

इस साल जिन छात्रों ने विज्ञान (साइंस) वर्ग या कृषि (एग्रिकल्चर)वर्ग में 10+2/इंटरमीडिएट परीक्षा पास की है, वो कृषि के क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं.

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यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट के रिजल्ट घोषित हो चुके हैं. रिजल्ट अनाउंस होते ही स्टूडेंट्स अपने करियर को संवारने की तलाश में जुट गए हैं. ऐसे में कृषि (एग्रिकल्चर) क्षेत्र में भी युवाओं को अपना भविष्य बनाने का अवसर है. इसके लिए युवाओं को क्या करना है, आइए आपको खबर में आगे विस्तार से बताते हैं.

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इस साल जिन छात्रों ने विज्ञान (साइंस) वर्ग या कृषि (एग्रिकल्चर)वर्ग में 10+2 इंटरमीडिएट परीक्षा पास की है, वो कृषि के क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए कृषि एवं कृषि संबंधित विभिन्न विषयों में यूपीकैटेट-2024 के माध्यम से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है. इस परीक्षा को पास कर प्रदेश के पांच कृषि विश्वविद्यालयों में प्रवेश लिया जा सकता है. आवेदन और इससे जुड़ी जानकारी के लिए छात्र इस वेबसाइट https://upcatet.org/site/ पर जा सकते हैं.

बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि 'इस साल यूपीकैटेट 2024 प्रवेश परीक्षा का आयोजन सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा कराया जा रहा है. कृषि और कृषि से संबंधित विभिन्न विषयों में प्रवेश के लिए आवेदन 17 मार्च 2024 से प्राप्त किये जा रहे हैं, जिसकी अंतिम तिथि 7 मई 2024 है.' उन्होंने आगे कहा कि 'ऐसा देखा जाता है कि विद्यार्थियों में सूचना के अभाव के कारण ज्यादातर छात्र इस परीक्षा को देने से वंचित रह जाते हैं, जिससे उनके हाथ से एक सुनहरा अवसर छूट जाता है.

छात्र बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद बीएससी एग्रिकल्चर या बागवानी, वानिकी, कृषि अभियंत्रण, खाद्य व दुग्ध प्रौद्योगिकी, पशु चिकित्सा विज्ञान, सामुदायिक विज्ञान, मत्स्य विज्ञान व गन्ना प्रौद्योगिकी विषय में प्रवेश ले सकते हैं. इन विषयों में प्रवेश लेने के लिए प्रवेश परीक्षा का आवेदन करना अनिवार्य होगा. उत्तर प्रदेश में वर्तमान में कुल पांच राज्य कृषि विश्वविद्यालय संचालित हैं. इन विश्वविद्यालयों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा और अनुसंधान प्रदान किया जाता है. साथ ही छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की जानकारी और अच्छा शैक्षणिक माहौल भी मिलता है. 

विश्वविद्यालय के जन सम्पर्क अधिकारी डॉ.बी.के. गुप्ता ने बताया कि 'कृषि विश्वविद्यालयों में बीएससी एग्रिकल्चर, एमएससी एग्रिकल्चर और पीएचडी करके प्रशासनिक पदों के साथ ही कृषि व अन्य सम्बंधित विभागों में अधिकारी व कर्मचारी के रूप में चयनित हो सकते हैं. साथ ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर विभिन्न राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय  संस्थानों में वैज्ञानिक और विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक व वैज्ञानिक आदि पदों पर भी चयनित हो सकते हैं.

इसके अलावा बैंक व अर्ध सरकारी कंपनी और निजी कंपनियों में भी कृषि के छात्रों को अच्छी नौकरी मिलती है. ऐसे में ग्रामीण छात्राओं के लिए भी कृषि विश्वविद्यालयों से डिग्री हासिल करना एक बेहतर विकल्प है. ग्रामीण एवं शहरी छात्राएं सामुदायिक विज्ञान में चार वर्षीय कोर्स पूरा करके कई क्षेत्रों में नौकरी या उद्यमिता विकास करके स्वरोजगारी बन सकती हैं. यहां से शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करके ग्रामीण व शहरी युवा भी कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में उद्यम स्थापित करके न केवल अपना भविष्य उज्जवल कर सकते हैं, बल्कि अन्य लोगों को आय और रोजगार के साधन मुहैया करा सकते है.

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