लंदन के प्रतिबंधित ट्रस्ट से फंडिंग लेकर ये काम कर रहा था अबू सालेह, लखनऊ से पकड़ा गया

संतोष शर्मा

08 Jan 2024 (अपडेटेड: 08 Jan 2024, 03:26 PM)

पुख्ता सुबूत जुटाने के बाद यूपी एटीएस ने सोमवार को लखनऊ के मानक नगर से अबू सालेह मंडल को गिरफ्तार किया है.

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अमेरिका में आतंकी गतिविधियों के चलते प्रतिबंधित एनजीओ से फंडिंग लेने वाले सिंडिकेट का यूपी एटीएस ने खुलासा कर मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. यूपी एटीएस ने लखनऊ के मानक नगर से रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को अवैध घुसपैठ कराकर यूपी और अन्य राज्यों में बसाने और इसके पीछे आतंकी कनेक्शन वाली संस्था से 4 साल में 58 करोड़ फंडिंग लेने वाले सिंडिकेट के मास्टरमाइंड और 50 हजार रुपये के इनामी अबू सलेह मंडल को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.

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रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ कराकर फर्जी दस्तावेज से उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों और देश के तमाम राज्यों में बसाने वाले सिंडिकेट पर काम कर रही यूपी एटीएस ने बीते साल एक ही सिंडिकेट के 6 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

यूपी एटीएस ने आरोपियों से पुलिस कस्टडी रिमांड पर पूछताछ की तो इनके पीछे एक दूसरा ही शख्स मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आया, जो अपनी दो एनजीओ के नाम पर लंदन की उस संस्था से फंडिंग ले रहा था, जिसे आतंकी गतिविधियों के चलते अमेरिका बैन कर चुका है.

एटीएस ने इस मामले की जांच शुरू की तो पता चला मास्टरमाइंड अबू सालेह मंडल ने फर्जी बिलिंग कराकर और हवाला के माध्यम से धन नकद में प्राप्त किया है. अबू सालेह ने रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की भारत में घुसपैठ में मदद करने के लिए प्राप्त कैश का उपयोग किया और उन्हें भारत में अवैध रूप से रहने और काम करने के लिए फर्जी दस्तावेज उपलब्ध करवाए.

एटीएस को जानकारी मिली की विदेशी फंडिंग का यह पैसा भारत के विभिन्न राज्यों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में उपयोग किया जा रहा है.

पुख्ता सुबूत जुटाने के बाद यूपी एटीएस ने सोमवार को लखनऊ के मानक नगर से अबू सालेह मंडल को गिरफ्तार किया है. अबू सालेह मंडल मूलतः पश्चिम बंगाल के 24 परगना का रहने वाला है और जिसने देवबंद के दारुल उलूम मदरसा से पढ़ाई की है.

अबू सालेह मंडल दो एनजीओ, हरोआ अल जामियातुल इस्लामिया दारुल उलूम मदरसा और कबीर बाग मिल्लत अकैडमी चलाता है. इन दोनों ही संस्थाओं के खाते में साल 2018 से 2022 के बीच यानी 4 साल में 58 करोड़ की फंडिंग भेजी गई. यह फंडिंग लंदन की उम्मा वेलफेयर ट्रस्ट से की गई.

उम्मा वेलफेयर ट्रस्ट पर टेरर फंडिंग में संलिप्तता के चलते अमेरिका ने प्रतिबंध लगा रखा था. अबू सालेह मंडल ने विदेशी फंडिंग को फर्जी बिलिंग से कैश करता था, जिसके लिए उसने अपने करीबी अब्दुल्ला गाजी के नाम पर गाजी फूड्स सप्लाई और गाजी मशीनरीज के नाम की फर्जी कंपनियां बना रखी थी. जिनके फर्जी बिल लगाकर हवाला के जरिए भी रकम हासिल कर रहा था.

बताया जा रहा कि अमेरिका में प्रतिबंधित एनजीओ से फंड हासिल कर भारत में अवैध रूप से रह रहे अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओ की आर्थिक सहायता करने और फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवाने और हवाला के माध्यम से उस पैसे राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में प्रयोग किया जा रहा था.

यूपी एटीएस ने शुरुआती जांच और जांच पर मिले सबूत के बाद अबू सालेह मंडल को लखनऊ के मानक नगर से गिरफ्तार कर जेल भेजा है. यूपी एटीएस के एडीजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि मंडल के खिलाफ पुख्ता सबूत है. कुछ अहम जानकारियां हासिल करनी बाकी हैं, जिसके लिए उसे जरूरत पड़ने पर पुलिस कस्टडी रिमांड पर भी लिया जाएगा.

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