32 छात्राओं में से 17 ने बताई थी यौन शोषण की दास्तां, आगरा से अरेस्ट हुए स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की पूरी कहानी जान लीजिए

खुद को संत बताने वाले चैतन्यानंद सरस्वती आगरा के होटल से गिरफ्तार. दिल्ली के आश्रम की 17 छात्राओं ने लगाए यौन शोषण, अश्लील संदेश और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप. जानिए पार्थसारथी से स्वामी चैतन्यानंद बने इस शख्स की पूरी कहानी.

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती

यूपी तक

• 09:22 AM • 28 Sep 2025

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पिछले काफी दिनों से कथित यौन शोषण के आरोपों को लेकर चर्चा में आए स्वयंभु संत स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को आगरा से अरेस्ट कर लिया गया है. स्वामी चैतन्यानंद आगरा के ताजगंज इलाके के होटल फर्स्ट में छिपे हुए थे. पुलिस ने इन्हें रविवार तड़के (CCTV में टाइमिंग 3:40 AM) पर आगरा के इस होटल से उठाया. आपको बता दें कि दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट-रिसर्च में एक गंभीर मामला सामने आया था. इसमें करीब डेढ़ दर्जन महिला छात्रों ने संस्थान के पूर्व निदेशक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन शोषण और वित्तीय गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए. आश्रम ने न सिर्फ उन्हें सभी जिम्मेदारियों से हटा दिया है, बल्कि पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई. इसके बाद से स्वामी चैतन्यानंद गायब हो गए. पुलिस उन्हें देशभर में तलाश रही थी और उनकी गिरफ्तारी के लिए लुक-आउट नोटिस भी जारी किया गया था. आखिरकार जब गिरफ्तारी हो चुकी है, तो आइए आपको विस्तार से खुद को संत बताने वाले स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की कहानी बताते हैं.

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पार्थसारथी से बने चैतन्यानंद!

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पहले पार्थसारथी नाम वाले चैतन्यानंद सरस्वती मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं. वे पिछले 12 सालों से दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज आश्रम में रह रहे थे और संस्थान के संचालन और देखरेख की जिम्मेदारी उनके पास थी. खुद को संन्यासी और ‘गॉडमैन’ के रूप में स्थापित करने के साथ वे संस्थान के प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे.

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EWS स्कॉलरशिप से पढ़ने वाली गर्ल स्टू़डेंट्स ने लगाया यौन शोषण का आरोप

संस्थान में EWS स्कॉलरशिप पर पढ़ रही 32 छात्राओं के बयान दर्ज हुए जिनमें से 17 ने स्वामी पर गाली-गलौज, अश्लील WhatsApp व SMS भेजने और शारीरिक छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं. कुछ छात्रों ने यह भी दावा किया कि फैकल्टी और प्रशासनिक स्टाफ द्वारा उन्हें स्वामी की डिमांड्स मानने के लिए दबाव बनाया जाता था. इन आरोपों की जांच के लिए पुलिस फोन, CCTV फुटेज और अन्य डिजिटल साक्ष्य खंगाल रही है.

पहली बार विवादों में नहीं हैं ये स्वयंभु संत

चैतन्यानंद सरस्वती का यह पहला विवाद नहीं है. उनके खिलाफ 2006, 2009, और 2016 में भी छेड़छाड़ व धोखाधड़ी के मामले दर्ज हो चुके हैं. इसके बावजूद वो लंबे समय तक खुद को बचाने में सफल रहे.

पुलिस के छापों में मिली लग्जरी कार

अरेस्टिंग से पहले पुलिस ने आश्रम और उनसे जुड़े अन्य ठिकानों पर छापे मारकर उनके कब्जे से एक लग्जरी कार बरामद की है. इस पर फर्जी यूनाइटेड नेशंस की नंबर प्लेट लगी थी. जांच में डिजिटल डाटा, CCTV और दूसरे सबूत जुटाए जा रहे हैं. आश्रम ने आधिकारिक बयान जारी कर साफ किया है कि स्वामी चैतन्यानंद ने अवैध और अनुचित कार्यों में संलिप्तता दिखाई, जिसके कारण उनसे सभी संबंध तोड़ दिए गए हैं और उनकी शिकायत पुलिस में भी कर दी गई है. संस्थान ने छात्रों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही है.

स्रोत: इंडिया टुडे.

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