उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2023 की मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस छिड़ गई है. वायरल लिस्ट के अनुसार, ओबीसी कोटे में चयनित कुछ उम्मीदवारों के सरनेम पर सवाल उठाए जा रहे हैं. खासतौर पर पंकज पांडे नाम के अभ्यर्थी के नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सोशल मीडिया पर यूजर्स आरोप लगा रहे हैं कि ब्राह्मण सरनेम वाले इस अभ्यर्थी को ओबीसी कोटे में चयनित किया गया है, जो कि गलत प्रक्रिया का संकेत देता है.
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सोशल मीडिया पर इस मामले के तूल पकड़ते ही उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) की ओर से सफाई दी गई. बोर्ड ने स्पष्ट किया कि अभ्यर्थियों का चयन केवल उनके सरनेम के आधार पर नहीं, बल्कि कास्ट सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेजों के सत्यापन के बाद किया जाता है.
क्या है पूरा मामला?
यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 13 मार्च 2025 को घोषित किया गया था. इसी के बाद से सोशल मीडिया पर कई नामों की सूची वायरल हो रही है, जिसमें पंकज पांडे, मयंक तोमर और दीपक झा जैसे नाम शामिल हैं. आरोप है कि ये सभी जनरल कैटेगरी के लोग हैं, लेकिन इन्हें ओबीसी की सूची में रखा गया है. इस मामले को लेकर कई यूजर्स ने पोस्ट किए, जिनमें कहा गया कि "यूपी पुलिस भर्ती भी एक बड़ा घोटाला है. इसकी जांच हो तो सच्चाई सामने आ जाएगी." एक अन्य यूजर ने लिखा, "पंकज पांडे जन्म से ब्राह्मण, लेकिन ओबीसी बनकर भर्ती में चयनित."
भर्ती बोर्ड की सफाई
मामला बढ़ता देख उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि, "सोशल मीडिया पर कुछ अभ्यर्थियों के सरनेम के आधार पर उनकी जाति को लेकर भ्रामक टिप्पणियां की जा रही हैं. बोर्ड स्पष्ट करता है कि किसी भी अभ्यर्थी का चयन केवल टाइटल या सरनेम के आधार पर नहीं किया जाता. उनका चयन सरकारी प्रमाणपत्रों और दस्तावेजों की संवीक्षा (वेरिफिकेशन) के बाद ही किया जाता है." बोर्ड ने आगे बताया कि पंकज पांडे की जाति "गुसाई" और शिवानी उपाध्याय की जाति "जोगी" है, जो कि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में आती हैं. इसी तरह, अन्य अभ्यर्थियों के जाति प्रमाण पत्र भी प्रमाणित अधिकारियों द्वारा सत्यापित किए गए हैं.
कैसे होती है सत्यापन प्रक्रिया?
यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के अनुसार, किसी भी अभ्यर्थी की जाति की जांच तीन स्तरों पर की जाती है:
- प्रारंभिक आवेदन के समय – अभ्यर्थियों से जाति प्रमाणपत्र मांगा जाता है.
- डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन (DV) के दौरान – यह प्रक्रिया उप-जिला अधिकारी (SDM) और पुलिस अधीक्षक (SP) स्तर के अधिकारियों द्वारा की जाती है.
- नियुक्ति से पहले अंतिम सत्यापन – नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले पुलिस अधीक्षक (SP) द्वारा दोबारा जांच की जाती है.
बोर्ड ने कहा कि यदि किसी को किसी अभ्यर्थी की जाति को लेकर कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध है, तो वे इसे UPPRPB के आधिकारिक ईमेल पर भेज सकते हैं. जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
भर्ती प्रक्रिया और कटऑफ डिटेल्स
यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2023 में 60,244 पदों पर नियुक्तियां होनी थीं. इसके लिए 48 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इस परीक्षा को पहले पेपर लीक के कारण रद्द कर दिया गया था और अगस्त 2024 में दोबारा परीक्षा आयोजित की गई थी.
रिजल्ट के अनुसार, विभिन्न श्रेणियों में चयनित अभ्यर्थियों की संख्या इस प्रकार है:
- जनरल (UR): 24,102
- EWS: 6,024
- OBC: 16,264
- SC: 12,650
- ST: 1,204
इसके अलावा, चयनित उम्मीदवारों की ट्रेनिंग प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है.
क्या जारी होगी वेटिंग लिस्ट और स्कोर कार्ड?
इस भर्ती में एक और महत्वपूर्ण मुद्दा वेटिंग लिस्ट और स्कोर कार्ड को लेकर भी उठ रहा है. अभ्यर्थी और कोचिंग संस्थानों के टीचर्स मांग कर रहे हैं कि –
- "अगर कोई चयनित अभ्यर्थी किसी कारण से नौकरी जॉइन नहीं करता, तो उस सीट को खाली न रखा जाए और वेटिंग लिस्ट जारी की जाए."
- "सभी अभ्यर्थियों के लिए स्कोर कार्ड भी जारी किया जाए, जिससे उन्हें अपने प्रदर्शन का पता चल सके."
पूरा सच नीचे दी गई वीडियो रिपोर्ट में देखें
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