यूपी की मुख्यमंत्री युवा उद्यमी स्कीम ने बदल दी लखीमपुर खीरी के मुजाहिद शेख की जिंदगी, गांव में ही खूब कमाई

लखीमपुर खीरी के मुजाहिद शेख ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के जरिए जीता डिप्रेशन से युद्ध. जानें कैसे योगी सरकार की ब्याज मुक्त लोन योजना ने उन्हें बनाया सफल उद्यमी.

Photo: CM Yogi

यूपी तक

• 10:26 PM • 20 Dec 2025

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उत्तर प्रदेश में जब हौसले और सरकारी योजनाओं का साथ मिलता है, तो अंधेरी राहें भी रोशन हो जाती हैं. लखीमपुर खीरी के मुजाहिद शेख की कहानी इसका जीवंत उदाहरण है. कभी आर्थिक तंगी और डिप्रेशन से जूझने वाले मुजाहिद आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' के जरिए न केवल खुद आत्मनिर्भर बने हैं बल्कि दूसरों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहे हैं.

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संघर्ष और डिप्रेशन का वो काला दौर

मुजाहिद शेख का परिवार पूरी तरह खेती पर निर्भर था. गिरती आय और बढ़ती जिम्मेदारियों ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया था. मुजाहिद बताते हैं कि उन्होंने तीन साल डिप्रेशन में बिताए. इस दौरान समाज की बेरुखी और तानों ने उनका आत्मविश्वास हिला दिया था. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. लखीमपुर खीरी में उचित काउंसलिंग और इलाज के बाद जब वे स्वस्थ हुए, तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती आजीविका की थी.

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना: एक नई उम्मीद

जब मुजाहिद रास्ते तलाश रहे थे, तब उन्हें योगी सरकार की 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' के बारे में पता चला. बिना किसी गारंटी और ब्याज मुक्त लोन की सुविधा ने उनके मन से विफलता का डर निकाल दिया. जिला उद्योग केंद्र के सहयोग से उन्हें ऋण मिला और यहीं से उनके उद्यमी बनने के सफर की शुरुआत हुई.

गांव में डिजिटल क्रांति का आगाज

मुजाहिद ने अपनी सोच को डिजिटल इंडिया के विजन से जोड़ा. उन्होंने सबसे पहले एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी खोली, ताकि गांव के छोटे दुकानदारों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा सके. इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कदम बढ़ाते हुए थायरोकेयर की फ्रेंचाइजी ली. मुजाहिद ने स्वयं सलबोटॉमिस्ट का कोर्स किया और गांव से ब्लड सैंपल इकट्ठा कर जांच के लिए लखनऊ भेजने का काम शुरू किया. इससे ग्रामीणों को घर बैठे बड़े शहरों जैसी जांच सुविधाएं मिलने लगीं.

MSME से आत्मनिर्भरता तक का सफर

आज मुजाहिद एमएसओ इंटरप्राइजेज नाम से अपनी फर्म चला रहे हैं. उनके काम की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे हर महीने 400 से अधिक डिजिटल और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने अपनी फर्म के जरिए फ्रेंचाइजी देना भी शुरू कर दिया है. वे नियमित रूप से बैंक की किस्त जमा कर रहे हैं और अच्छी आमदनी कर रहे हैं. एक यूट्यूब चैनल के जरिए वे अन्य युवाओं को सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं.

परिवार के सपनों को मिले पंख

आर्थिक स्थिरता आने के बाद मुजाहिद का जीवन पूरी तरह बदल चुका है. वे अब अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों के साथ सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं. उन्होंने अपने तीनों बच्चों का दाखिला एक अच्छे निजी स्कूल में कराया है ताकि उन्हें बेहतरीन शिक्षा मिल सके. मुजाहिद अब केवल खुद की कमाई तक सीमित नहीं रहना चाहते. वे अपने गांव की लड़कियों के लिए एक सप्ताह का निशुल्क डिजिटल कोर्स शुरू करने की योजना बना रहे हैं, ताकि गांव की बेटियां भी आत्मनिर्भर बन सकें.

मुजाहिद अपनी सफलता का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हुए कहते हैं कि 'अगर सरकार ने युवाओं पर भरोसा न किया होता, तो शायद मैं आज भी उसी अंधकार में फंसा रहता. योगी सरकार के आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश का सपना मेरे जीवन में हकीकत बन गया है.' यह कहानी प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए एक संदेश है कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो और सरकार की नीतियों का सही लाभ लिया जाए, तो गांव में रहकर भी सफलता की नई इबारत लिखी जा सकती है.

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