उत्तर प्रदेश की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य (Jyoti Maurya) और उनके सफाईकर्मी पति आलोक मौर्य (Alok Maurya) के बीच विवाद की कहानी सोशल मीडिया पर लगातार चर्चा का विषय बनी रही. दोनों के बीच विवाद का मामला प्रयागराज मंडल आयुक्त कार्यालय तक पहुंच गया है.
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उत्तर प्रदेश सरकार ने ज्योति मौर्य के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने के लिए प्रयागराज कमिश्नर को कहा है, तो वहीं प्रयागराज कमिश्नर ने ज्योति मौर्य के मामले में 3 सदस्यीय एक जांच कमेटी बना दी है. यह जांच कमेटी ज्योति मौर्य पर लगाए गए आरोपों की जांच करेगी.
गौरतलब है कि पति आलोक मौर्य ने ज्योति मौर्य पर अनियमित लेनदेन का आरोप लगाया है. इसकी शिकायत आलोक मौर्य ने शासन से की थी.
शिकायत के आधार पर यूपी सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने कमिश्नर प्रयागराज विजय विश्वास पंत को जांच का आदेश दिया है, तो वहीं कमिश्नर प्रयागराज ने पूरे मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है.
इस जांच समिति में अपर आयुक्त (प्रशासन) अमृत लाल बिंद की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय जांच समिति गठित किया गया है. इसमें अमृत लाल बिंद अध्यक्ष के अलावा अपर जिलाधिकारी प्रशासन प्रयागराज हर्षदेव पाण्डेय, अपर नगर मजिस्ट्रेट श्रीमती जयजीत कौर भी शामिल हैं.
बता दें कि ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य का मामला पहले से ही सेक्शन 13 के तहत परिवारवाद न्यायालय में चल रहा है, तो उससे पहले ज्योति मौर्य ने ही सबसे पहले कानूनी लड़ाई की प्रक्रिया में लाई थी. पहले आलोक मौर्य ने ज्योति मौर्य के खिलाफ कई ऐसे कागजात दिए थे जिसमें पैसे की लेनदेन की बात कही गई थी और इसकी शिकायत बकायदा पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या के पति आलोक मौर्या ने शासन से की थी. इसी आधार पर शासन ने ज्योति के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.
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