सेक्स चेंज कर लड़की से बना लड़का बना शरद सिंह, फिर की गर्लफ्रेंड से शादी, अब पत्नी ने दिया बेटे को जन्म

शाहजहांपुर के शरद सिंह का सफर प्रेरणादायक है। लड़की के रूप में जन्मे, जेंडर सर्जरी के बाद पुरुष बने और अब पिता भी बने। पढ़ें उनकी संघर्ष और सफलता की अनोखी कहानी।

Shahjahanpur News

विनय पांडेय

03 Apr 2025 (अपडेटेड: 03 Apr 2025, 06:45 PM)

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Shahjahanpur News: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर निवासी शरद सिंह का जीवन संघर्ष और साहस की अनोखी मिसाल है. उनका जन्म एक लड़की के रूप में हुआ था, लेकिन उनके मन और सोच में हमेशा एक पुरुष की भावना थी. बचपन से ही वे लड़कों की तरह रहना पसंद करते थे, जिससे समाज और परिवार के सामने कई सवाल खड़े होते रहे. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी सच्ची पहचान को अपनाने का साहस दिखाया.

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लड़की से पुरुष बनने का सफर

2021-22 में, शरद सिंह ने अपने जेंडर को बदलवाने की प्रक्रिया शुरू की. लखनऊ में हार्मोन थेरेपी से उनके शरीर में बदलाव आने लगे, चेहरे पर दाढ़ी उग आई और आवाज भारी हो गई. फिर, 2023 की शुरुआत में, उन्होंने मध्य प्रदेश के इंदौर में जेंडर सर्जरी करवाई और आधिकारिक रूप से पुरुष बन गए. 27 जून 2023 को तत्कालीन जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने उन्हें "शरद सिंह" के नाम से जेंडर बदलने का प्रमाण पत्र जारी किया.

शादी और संतान सुख का सपना

शरद सिंह ने सिर्फ अपनी पहचान को ही नहीं अपनाया, बल्कि अपने सपनों को भी पूरा किया. 23 नवंबर 2023 को, उन्होंने अपनी महिला मित्र सविता सिंह से विवाह किया. यह शादी केवल प्रेम नहीं, बल्कि विश्वास और समर्थन का प्रतीक बनी. शादी के बाद, जब शरद और सविता ने संतान सुख की योजना बनाई, तो यह एक नए सोच और उम्मीदों को जन्म देने वाला फैसला था.

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'मेरी पत्नी सविता ने जो सपना 10-15 साल पहले देखा था...'

बुधवार को जब सविता सिंह को प्रसव पीड़ा हुई, तो उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. शाम को ऑपरेशन के जरिए उन्होंने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया. यह क्षण न केवल शरद और सविता, बल्कि पूरे परिवार के लिए ऐतिहासिक था.

शरद सिंह ने इस खुशी को साझा करते हुए कहा, "मेरी पत्नी सविता ने जो सपना 10-15 साल पहले देखा था, आज वह साकार हुआ है. हमारे परिवार में 26 साल बाद पुत्र का जन्म हुआ है. हर इंसान का सपना होता है कि उसे संतान सुख मिले, लेकिन जिन परिस्थितियों से निकलकर पिता बनने का यह अवसर मिला, वह मेरे जीवन की सबसे बड़ी खुशी है."

शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत

शरद सिंह फिलहाल विकासखंड ददरौल के प्राथमिक विद्यालय सतवा खुर्द में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत हैं. उनका जीवन उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपने अस्तित्व और पहचान के लिए संघर्ष कर रहे हैं.



 

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