उत्तर प्रदेश सरकार ने चमड़ा, फुटवियर और लेदर उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी घोषणा कर दी है. सरकार ने फुटवियर, लेदर व नॉन-लेदर क्षेत्र विकास नीति 2025 के तहत निवेशकों को कई तरह की सब्सिडी और सुविधाएं देने का वादा किया है. इस नीति को पिछले हफ्ते कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई थी. ऐसे में प्रदेश में चमड़े में मेगा एंकर इकाई और क्लस्टर की स्थापना पर 75 से 80 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी. वहीं निजी औद्योगिक पार्क बनाने पर भी 25 प्रतिशत सहायता मिलेगी.
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इसके साथ ही पूरे राज्य में10 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाएंगे जिससे उद्योगों को आधुनिक सुविधाएं मिल सकें. पुवायां, कानपुर, उन्नाव, जालौन, बाराबंकी, संभल और मेरठ जैसे शहरों में बनने वाली औद्योगिक इकाइयों को जमीन की लागत पर 35 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जाएगा. इन केंद्रों का मकसद उद्योगों को नई तकनीक, बेहतर ट्रेनिंग और जरूरी संसाधन उपलब्ध कराना है.
मिलेंगी ये सुविधाएं
इकाइयों के उत्पादन शुरू होने के बाद उनकी बिलिंग बढ़ने पर पांच साल तक 100 प्रतिशत बिजली की छूट दी जाएगी. इसके साथ ही पुरुष कर्मचारियों के लिए किराये में 30 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी. वहीं महिला, दिव्यांग और ट्रांसजेंडर श्रमिकों को अधिकतम 20,000 रुपये प्रतिवर्ष की छात्रवृत्ति भी दी जाएगी. फुटवियर और लेदर मशीनरी इकाइयों की स्थापना पर 50 से 150 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 20 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है. प्लास्टिक और पॉलिएस्टर आधारित इकाइयों को भी इसी श्रेणी में रखा गया है.
निवेश पर मिलेंगे अधिक लाभ
इकाइयों में लगे निवेश पर 20 प्रतिशत तक (अधिकतम 30 करोड़ रुपये) अनुदान मिलेगा. वहीं नई तकनीकी मशीनरी के निवेश पर 20 प्रतिशत (अधिकतम 45 करोड़ रुपये) सब्सिडी दी जाएगी. स्टैंडअप इंडिया द्वारा महिला उद्यमियों को ऋण पर 35 प्रतिशत (अधिकतम 700 करोड़ रुपये) तक की छूट मिलेगी. इसके साथ ही नीति के तहत प्रथम दो सालों में 120 से 140 इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य तय किया गया है.
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